कवायद. जिले के 11 प्रखंडों में जल स्तर में है कमी, निदेशालय को भेजी गयी िरपोर्ट
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840 करोड़ खर्च होंगे सिंचाई योजना पर
कवायद. जिले के 11 प्रखंडों में जल स्तर में है कमी, निदेशालय को भेजी गयी िरपोर्ट सीवान : जिले में सिंचाई योजना पर 840 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जायेगी. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जायेगा. आवंटन के लिए प्रस्ताव भूमि संरक्षण निदेशालय को […]
सीवान : जिले में सिंचाई योजना पर 840 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जायेगी. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जायेगा. आवंटन के लिए प्रस्ताव भूमि संरक्षण निदेशालय को भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के बाद इस पर कार्य शुरू होगा. यह किसानों तथा जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगा. योजना संचालन के लिए कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) को नोडल विभाग बनाया गया है. यह कार्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत होना है.
मालूम हो कि पानी के गिरते लेयर, किसानों की परेशानी, सिंचाई में बाधा व उत्पादन में कमी की शिकायत किसानों की रही है. विभाग भी इसको लेकर काफी चिंतित रहा है. सरकार ने भी किसानों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलायीं, परंतु सिंचाई को लेकर परेशानी बरकरार रही. किसानों की इन्हीं परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी पहुंचाने का निर्णय लिया. योजना का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेवारी आत्मा को सौंपी गयी है. आत्मा ने योजना के लिए 84032.63 लाख के अनुमोदन की स्वीकृति के लिए भूमि संरक्षण निदेशालय को प्रस्ताव भेजा है. तैयार रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि जिले में 11 प्रखंड ऐसे हैं, जहां पानी का लेयर काफी नीचे है.
अलग-अलग तय की गयी है खर्च की योजना : योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कृषि विभाग सहित दो और विभाग भू-संसाधन एंव ग्रामीण विकास विभाग तथा भूमि एवं जल संसाधन विभाग को शामिल किया गया है. सभी विभागों को मिला कर योजना बनायी गयी है. विभाग का दावा है कि जिले में गोरेयाकोठी, आंदर, दरौंदा, सीवान सदर, नौतन, मैरवा, भगवानपुर हाट, जीरादेई, सिसवन, दरौली व गुठनी ऐसे प्रखंड हैं, जहां जल स्रोत का स्तर काफी नीचे है. योजना में बरसात के पानी को संरक्षित करने का भी प्रावधान है ताकि जल स्तर को ठीक किया जा सके. तैयार प्रारूप में भू-संसाधन एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 53093.37 लाख, कृषि विभाग द्वारा 7702.314 लाख एवं जल संसाधन द्वारा 23236.94 लाख रुपये खर्च करने की योजना है.
ये है यह मुख्य उद्देश्य: योजना का मुख्य उद्देश्य हर खेत को पानी पहुंचाने के साथ-साथ वन ड्रॉप-मोर क्रॉप, जल संरक्षण क्षमता में बढ़ोतरी, कमांड एरिया का विकास, खराब पड़े जल स्रोतों का जीर्णोद्धार, सिंचाई के विभिन्न स्रोतों का विकास करना है. योजना के तहत मनरेगा, सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, कृषि विभाग व मत्स्य विभाग द्वारा समेकित रूप से योजना तैयार कर हर खेतों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है.
योजना का कार्य देखेगी आत्मा : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को धरातल पर अमली जामा पहनाने की जिम्मेवारी आत्मा विभाग को सौंपी गयी है. आत्मा निदेशक केके चौधरी के नेतृत्व में मनोरंजन कुमार व राम मनोहर सहित कई कर्मियों के छह माह से अधिक के अथक प्रयास से योजना पर खर्च की जाने वाली राशि की रूपरेखा तैयार की गयी. अंतिम किसान तक योजना का लाभ पांच से दस वर्ष में मिलने की उम्मीद है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सिंचाई व्यवस्था में सुधार के लिए आठ सौ चालीस करोड़ रुपये से अधिक की योजना भूमि संरक्षण निदेशालय बिहार पटना को भेज दी गयी है. योजना का संचालन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत होना है. निदेशालय द्वारा प्राक्कलित राशि की स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा जायेगा.
राजेंद वर्मा, डीएओ ,सीवान
क्या कहते हैं निदेशक
सभी खेतों तक पानी पहुंचाने की योजना बनायी गयी है, ताकि किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात मिल सके. जिले के 11 प्रखंडों में जल स्रोत का स्तर काफी नीचे है. इस पर विशेष ध्यान रहेगा.
केके चौधरी,परियोजना निदेशक ,सीवान
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