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बरसात शुरू होते ही व्यापारियों की बढ़ी परेशानी
सीवान : सीवान रेल मालगोदाम से रेलवे को प्रतिमाह करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. इसके बाद भी मालगोदाम में व्यापारियों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं है. रैक प्वाइंट की बगल में बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं. बरसात होने पर इन गड्ढों में पानी भर जाता है. इससे माल उतार कर रेक प्वाइंट की […]
सीवान : सीवान रेल मालगोदाम से रेलवे को प्रतिमाह करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है. इसके बाद भी मालगोदाम में व्यापारियों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं है. रैक प्वाइंट की बगल में बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं. बरसात होने पर इन गड्ढों में पानी भर जाता है. इससे माल उतार कर रेक प्वाइंट की बगल में रखने में व्यापारियों को परेशानी होती है. शेड या नीचे प्लेटफॉर्म नहीं होने से व्यापारियों का माल भीग भी जाता है. मालगोदाम से माल मंगाने वाले व्यापारियों ने कई बार रेल अधिकारियों से मिल कर अपनी समस्याओं को रखा. लेकिन, व्यापारियों की समस्याएं कभी दूर नहीं हुईं.
माल भीगने के डर से माल कम मंगाते हैं व्यापारी : सीवान मालगोदाम से व्यापारी सीमेंट, नमक, खाद, खाद्यान्न, गिट्टी मुख्य रूप से मंगाते हैं. बरसात शुरू होते ही मालगोदाम में रेकों को आना कम हो जाता है. बहुत से व्यापारी माल भीगने के डर से माल को नहीं मंगाते हैं. वहीं, गिट्टी व अन्य जरूरी सामान को व्यापारियों को मजबूरी में मंगाना पड़ता है.
कुछ व्यापारी तो माल को भीगने से बचाने के लिए वैगन से सीधे ट्रकों में माल को लोड कराते हैं. इसमें अधिक समय लगने के कारण व्यापारियों को डैमेज के रूप में एक मोटी रकम देनी पड़ती है. वहीं, कुछ व्यापारियों ने मालको भीगने से बचाने के लिए अपना तिरपाल रखा है. उससे माल को ढक देते हैं. इसके बावजूद माल भीग ही जाता है.
क्या कहते हैं माल अधीक्षक
व्यापारियों की समस्याओं को समय-समय पर वरीय अधिकारियों से अवगत कराया जाता है. अधिकारी भी समय-समय पर आकर समस्याओं को सुनते हैं. जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, उसे व्यापारियों को दी जाती है.
शंकर प्रसाद श्रीवास्तव
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