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लड्डन के साथ हत्या की योजना में पांच और अपराधी भी रहे शामिल

सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड को अंजाम देने वाले पांच बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को पत्रकार की हत्या की सुपारी देनेवाले लड्डन मियां की तलाश है. पुलिस के हत्थे चढ़े पांचों हत्यारों ने पत्रकार हत्याकांड के अहम राज का खुलासा करते हुए इसमें अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. साथ ही […]

सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड को अंजाम देने वाले पांच बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को पत्रकार की हत्या की सुपारी देनेवाले लड्डन मियां की तलाश है. पुलिस के हत्थे चढ़े पांचों हत्यारों ने पत्रकार हत्याकांड के अहम राज का खुलासा करते हुए इसमें अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.

साथ ही लड्डन के कहने पर ही इस हत्याकांड को अंजाम देने की बात कही है.

नगर थाने के रामनगर का निवासी कुख्यात लड्डन मियां 27 अप्रैल को जेल से निकलने के बाद से ही पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की योजना बनाने में जुट गया और उसने हत्या के 10 दिन पहले ही पत्रकार हत्याकांड की पूरी योजना बना डाली. पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि लड्डन ने जेल से निकलने के बाद शहर के चार-पांच अपराधियों के साथ मिल कर इस हत्याकांड का ब्लू प्रिंट तैयार किया.
इन सभी ने राजदेव की हत्या के लिए नये चेहरों की इस्तेमाल की योजना बनायी ताकि पुलिस इस हत्याकांड के तह तक नहीं पहुंच सके. पहले इस हत्याकांड के लिए नामी-गिरामी प्रोफेशनल किलर को शामिल करने की योजना थी और इसका काम भी एक लाइनर को सौंपा गया था. लेकिन इसके द्वारा अभी इस काम को पूरा कराने में असमर्थता जताने के बाद फिर शुरू हुई नये चेहरों की तलाश.
लड्डन और उसके साथ योजना बनाने में शामिल रहे अपराधियों की नजर में रोहित आया. इसका अभी कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. साथ ही उसमें जल्द पैसा कमाने और अमीर बनने की ललक थी. लड्डन के साथ मिल कर रोहित ने प्रॉपर्टी डीलिंग के दो-चार काम भी किये थे. फिर इन लोगों ने रोहित को अपने विश्वास में लेकर हत्याकांड की व्यूह रचना कर डाली. रोहित ने फिर अपने साथियों को विश्वास में लिया और लड्डन और अन्य अपराधियों से मुलाकात कराते हुए योजना को अंजाम के रूप में बदल दिया. एसपी सौरभ कुमार साह ने बताया कि लड्डन की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है
और उसका लोकेशन भी ट्रैक किया जा रहा है. वहीं, उसके साथ हत्या की योजना में साझेदार रहे चार-पांच अपराधियों की भी पहचान कर ली गयी है, जो फिलहाल फरार बताये जाते हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस छापेमारी कर रही है. हत्याकांड के समय रोहित के साथ रहे अन्य एक दो लाइनरों को भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जायेगा. वहीं, बुधवार की देर शाम एडीजी मुख्यालय सुनील कुमार के निर्देश पर सीआइडी की टीम सीवान पहुंची और उसने गिरफ्तार पांचों आरोपितों से गहन पूछताछ करते हुए उनका बयान दर्ज किया.
अपराधियों की हुई पहचान, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी
लड्डन ने जेल से निकलने के बाद शहर के चार-पांच अपराधियों के साथ मिल कर हत्याकांड का तैयार किया था ब्लू प्रिंट
सरकार से नहीं, जेल से चलता है सीवान का प्रशासन : सीग्रीवाल
अगर ऐसा नहीं होता, तो पत्रकार राजदेव की हत्या नहीं होती
मुख्यमंत्री विधवा पत्रकार की पत्नी से मिल कर उनके दुखों को तो सुनें
राजधानी में डॉक्टरों से खुलेआम मांगी जा रही है रंगदारी
सांसद ने राजदेव के परिजनों से की मुलाकात, उनकी बातों को सुना
सीवान : महाराजगंज के बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल गुरुवार को शहीद पत्रकार राजदेव रंजन के गांव हकाम गये और उनकी विधवा पत्नी व परिवार के लोगों से मुलाकात कर उनकी बातों को सुना. सीवान बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से एक भेंट में कहा कि सीवान की विधि व्यवस्था बद से बदतर हो गयी है. यहां की प्रशासनिक व्यवस्था को राज्य सरकार नहीं बल्कि जेल में कैद एक व्यक्ति के द्वारा चलायी जा रही है. अगर सीवान की ऐसी बदतर प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होती, तो पत्रकार राजदेव की हत्या नहीं होती. उन्होंने कहा कि राजधानी में तो डॉक्टरों से खुलेआम रंगदारी मांगी जा रही है.
अपराधी रंगदारी के पत्र के साथ डॉक्टरों को गोली भी भेज रहे हैं. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां के अधिकारियों ने पत्रकार की विधवा के साथ मिल कर उनके दुखों का बांटने व सही तथ्यों को जानने का प्रयास नहीं किया. मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री में अगर हिम्मत है, तो पत्रकार राजदेव की बिलखती विधवा से मिल कर उनके दुखों को जानें. उन्होंने बताया कि पत्रकार के परिजन अपराधियों की पहचान कर उनकों फांसी देने की मांग कर रहे हैं. वे लोग सीबीआइ से जांच से सहमत हैं.
श्री सीग्रीवाल ने कहा कि सीबीआइ दूध-का-दूध और पानी का पानी अलग-अलग कर देगा. स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई दिनों से इस घटना में लड्डन मियां का नाम आ रहा है. लेकिन पुलिस उसके खिलाफ वारंट और कुर्की जब्ती का वारंट कोर्ट से लेने में विफल रही. प्रशासन ने ऐसा किया होता,
तो लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ता. उन्होंने कहा कि राजदेव की हत्या एक आवाज व निर्भीकता की हत्या है, जो दहशत फैलाने व शोषण करने के लिए किया गया है. मौके पर कामेश्वर सिंह, मदन सिंह यादव, प्रो. अभिमन्यु सिंह, योगेंद्र सिंह, नंद प्रसाद चौहान, सुधीर जायसवाल, प्रदीप रोज, प्रदीप सिंह, विजय कुमार, राहुल तिवारी समेत अन्य उपस्थित थे.

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