आक्रोश. पत्रकार की हत्या के विरोध में सीवान में फूटा गुस्सा
Advertisement
दो हिरासत में, जांच के लिए एसआइटी का गठन
आक्रोश. पत्रकार की हत्या के विरोध में सीवान में फूटा गुस्सा पत्रकार राजदेव की हत्या के विरोध में शनिवार को सीवान में आक्रोश का माहौल दिखा. वहीं डीजीपी ने बैठक कर जोनल आइजी और डीआइजी को सीवान में कैंप करने का निर्देश दिया है. पटना/सीवान : सीवान में वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के […]
पत्रकार राजदेव की हत्या के विरोध में शनिवार को सीवान में आक्रोश का माहौल दिखा. वहीं डीजीपी ने बैठक कर जोनल आइजी और डीआइजी को सीवान में कैंप करने का निर्देश दिया है.
पटना/सीवान : सीवान में वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में पुलिस मुख्यालय ने छानबीन और मॉनीटरिंग शुरू कर दी है. सीवान एसपी की अध्यक्षता में जांच के लिए एक विशेष एसआइटी का गठन किया गया है, जो इस पूरे मामले की छानबीन करेगी. इसके अलावा जोनल आइजी और डीआइजी को सीवान में फिलहाल कैंप करने का निर्देश दिया गया है.
साथ ही डीजीपी के निर्देश पर पत्रकार के परिजनों को चौबीसों घंटे के लिए दो अंगरक्षक मुहैया करा दिये गये हैं. इससे पहले सीवान पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है. प्रारंभिक जांच में घटना को पेशेवर अपराधियों द्वारा अंजाम दिये जाने की बात सामने आयी है.
शनिवार को डीजीपी पी के ठाकुर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में सख्त निर्देश जारी किये गये हैं. इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर गहन छानबीन शुरू कर दी गयी है. पुलिस घटना के संभावित तमाम आशंकाओं
हत्याकांड मामले में िवपक्ष ने सरकार को घेरा –
दो िहरासत में, जांच के…
की जांच में जुट गयी है. शनिवार को एक यूनिट एसटीएफ को भी रवाना कर दिया गया है.
सीवान जेल से जारी हुई थी 23 लोगों की हिट लिस्ट
दिसंबर 2015 में सीवान जेल से 23 लोगों की हिट लिस्ट जारी हुई थी. इसमें बिहार के 23 लोगों के नाम थे, जिनकी जान पर खतरा था. हालांकि अभी तक यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस 23 लोगों की लिस्ट में पत्रकार राजदेव का भी नाम था या नहीं. परंतु कुछ सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस हिट लिस्ट में पत्रकार का भी नाम था. उन्हें स्थानीय स्तर पर इसे लेकर कुछ लोगों ने सतर्क भी किया था, लेकिन इस बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. इन 23 लोगों की हिट लिस्ट में दो लोगों के जान पर खतरा होने की बात जनवरी में ही राज्य की विशेष शाखा ने मुख्यालय को बतायी थी.
जिन दो लोगों की जान पर खतरा होने की आशंका स्पेशल ब्रांच ने व्यक्त की थी, उसमें पत्रकार राजदेव का नाम नहीं था. ये दोनों राजनीति क्षेत्र से जुड़े सारण प्रमंडल के जाने-माने नेता हैं. स्पेशल ब्रांच ने अन्य किसी लोगों के नाम पर किसी तरह के खतरे की बात नहीं कही थी, लेकिन यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि बचे हुए लोगों की लिस्ट में हो सकता है पत्रकार का नाम हो. पुलिस इन पहलुओं पर भी जांच में जुटी हुई है.
शहाबुद्दीन के इशारे पर हुई हत्या : सुशील मोदी
उधर सीवान में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी,प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे मृतक राजदेव रंजन के पैतृक गांव हकाम गये तथा परिजनों से मुलाकात की. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है. राज्य में जंगल नहीं महाजंगल राज कायम हो गया है. पंद्रह साल के कुशासन को सीवान ने सबसे अधिक भोगा है. पिछले दो वर्ष से एक बार फिर यहां पुरानी कहानी शुरू हो गयी है. यह घटना जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के इशारे पर अंजाम दी गयी है. प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि पार्टी हत्यांकांड को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन चलायेगी.
परिजनों ने की सीबीआइ से जांच कराने की मांग
परिजनों ने कहा, नहीं थी िकसी से रंजिश
परिजनों ने किसी से रंजिश होने से इनकार किया है. परिजनों ने स्थानीय पुलिस की जांच पर भी असंतोष जताया व सीबीआइ से जांच की मांग की. मृतक की पत्नी के आवेदन पर पुलिस ने अज्ञात बाइक सवार बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
हुआ अंतिम संस्कार
सुबह में पोस्टमार्टम करा कर पुलिस ने राजदेव के शव को परिजनों को सौंप दिया. सुबह आठ बजे महादेवा ओपी थाना के हकाम स्थित पैतृक गांव से सटे दाहा नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया. शव को पुत्र आशीष रंजन ने मुखाग्नि दी.
दिन भर होती रही छापेमारी
इस बीच पुलिस घटना की जांच को लेकर दिनभर संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी करती रही. एसपी सौरभ कुमार साह ने कहा कि घटना को देखते हुए यह आशंका जतायी जा रही है कि पेशेवर अपराधियों ने मामले को अंजाम दिया होगा. कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.यह उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही घटना के तह तक पहुंच जायेगी. घटना के बाद अब यहां आइजी पारसनाथ व डीआइजी अजीत कुमार राय कैंप कर रहे हैं. आइजी जोन मुजफ्फरपुर ने कहा कि एसटीएफ व एफएसीएल व सर्विलांस टीम को भी घटना की जांच में लगाया गया है.
निकला कैंडल मार्च
घटना के विरोध में शहर में आक्रोश का माहौल दिखा. पत्रकारों ने श्रमजीवी पत्रकार भवन पर शोक सभा आयोजित कर अपने साथी की मौत पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा हत्यारों की गिरफ्तारी व परिजनों को आर्थिक सहायता व सुरक्षा देने की मांग की.
इसके बाद प्रतिरोध मार्च व शाम को कैंडिल मार्च निकाला गया .
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement