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यक्ष्मा व कुष्ठ विभागों के दिन बहुरेंगे

यक्ष्मा व कुष्ठ विभागों के दिन बहुरेंगे नवसृजित असिस्टेंट एसीएमओ ने दोनों विभागों का लिया प्रभारप्रभार मिलने के साथ ही जिला यक्ष्मा व कुष्ठ पदाधिकारी के पद हो गये अतिरेकजल्द ही जिला मलेरिया व फलेरिया पदाधिकारी का मिल सकता है प्रभारफोटो:-20 अस्पताल गेट. सीवान . जिले के स्वास्थ्य विभागों में सबसे उपेक्षित यक्ष्मा व कुष्ठ […]

यक्ष्मा व कुष्ठ विभागों के दिन बहुरेंगे नवसृजित असिस्टेंट एसीएमओ ने दोनों विभागों का लिया प्रभारप्रभार मिलने के साथ ही जिला यक्ष्मा व कुष्ठ पदाधिकारी के पद हो गये अतिरेकजल्द ही जिला मलेरिया व फलेरिया पदाधिकारी का मिल सकता है प्रभारफोटो:-20 अस्पताल गेट. सीवान . जिले के स्वास्थ्य विभागों में सबसे उपेक्षित यक्ष्मा व कुष्ठ विभागों के दिन बहुरने की संभावनाएं तेज हो गयी हैं. नवसृजित पद अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी संचारी रोग के पद पर योगदान देने वाले डॉ सुरेश शर्मा को विभाग ने जिला यक्ष्मा व कुष्ठ पदाधिकारी का प्रभार सौंप दिया. प्रभारी जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एमआर रंजन ने 25 अक्तूबर तथा प्रभारी जिला कुष्ठ पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने 29 अक्तूबर को अपना प्रभार डॉ सुरेश शर्मा को सौंप दिया. डॉ शर्मा को यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम के संचालन संबंधी अधिकार प्राप्त हैं. दोनों विभागों का प्रभार मिलने के साथ ही डॉ सुरेश शर्मा ने उपेक्षित दोनों विभागों में जान फूंकने की कवायद शुरू कर दी है. जिला यक्ष्मा विभाग तो कुछ हद तक तो ठीक है, लेकिन जिला कुष्ठ विभाग को गति देने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. विभाग ने सीवान जिले के कई प्रखंडों को कुष्ठ बीमारी के लिए हाइ रिस्क जोन घोषित कर उन क्षेत्रों में कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम को चलाने के लिए कुछ वर्ष पहले ही निर्देश दिया था. इसके लिए सभी प्रखंडों में पीएमडब्ल्यू की बहाली जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से करनी थी. पीएमडबल्यू की बहाली के लिए आवेदन तो लिए गये, लेकिन बहाली नहीं हुई. कुछ गिने-चुने कर्मचारियों की मदद से कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम को गति नहीं मिल पायी. नये पदाधिकारी के योगदान देने के बाद उम्मीद है कि कुष्ठ उन्मूलन अभियान में तेजी आयेगी. इधर, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी का प्रभार लेने के बाद डॉ सुरेश शर्मा ने आरएनटीसीपी के सभी कर्मचारियों के साथ एक बैठक कर कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने सभी कर्मचारियों को जिम्मेवारी के साथ अपना कार्य करने की सलाह दी. सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी संचारी रोग पदाधिकारी के रूप में एक स्वतंत्र पदाधिकारी का पद सृजित होने के बाद उपेक्षित यक्ष्मा व कुष्ठ विभागों के दिन बहुरने के आ गये हैं. लेकिन शर्त यह है कि विभाग के अन्य पदाधिकारी इनके कार्यक्षेत्र में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करें.ब्ल्ड बैंक से आरएनटीसीपी कर्मचारी की नहीं खत्म हुई प्रतिनियुक्तिसीवान . ब्लड बैंक के कर्मचारियों के अचानक छुट्टी पर चले जाने से सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा ने आरएनटीसीपी के कर्मचारी मो झनान को कुछ दिनों के लिए ब्लड बैंक में प्रतिनियुक्ति कर दी, ताकि मरीजों को ब्लड लेने में कोई परेशनी नहीं हो. सीएस ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा था कि मो झनान अपने मूल स्थान पर कार्य करते हुए ब्लड बैंक का कार्य देखेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.आदेश मिलने के बाद कर्मचारी मो झनान ने कभी अपने मूल स्थान आरएनटीसीपी में कार्य नियमित रूप से नहीं किया. इसके कारण जिला यक्ष्मा केंद्र में टीबी की जांच कराने आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. इधर, ब्लड बैंक के कर्मचारी भी वापस आ गये, लेकिल आरएनटीसीपी के कर्मचारी मो झनान की ब्लड बैंक से प्रतिनियुक्ति खत्म नहीं हुई. ब्लड बैंक रेडक्राॅस द्वारा संचालित होता है.ब्लड बैंक को संसाधन रेडक्राॅस द्वारा उपलब्ध कराया जाना है. ब्लड बैंक में कर्मचारियों की कमी नहीं है. अगर आरएनटीसीपी का कर्मचारी दो शिफ्टों में ड्यूटी कर सकता है, तो ब्लड बैंक के कर्मचारी, जिनको ब्लड बैंक चलाने की जिम्मेवारी है, वे दो शिफ्टों क्यों नहीं ड्यूटी करेंगे?

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