20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दहेज हत्या के मात्र 2 फीसदी मामलों में ही हो पाती है सजा

सीवान : जिले के दरौली थाना क्षेत्र के कनैला निवासी व जिला पर्षद अध्यक्ष फौजदार चौहान का नाम दहेज हत्या मामले में आने के बाद जिले में फिर एक बार दहेज हत्या को लेकर बहस तेज हो गयी है. नगर थाने के फतेहपुर निवासी सुरेंद्र चौहान ने दरौली थाना कांड संख्या 156/15 दर्ज करायी थी, […]

सीवान : जिले के दरौली थाना क्षेत्र के कनैला निवासी व जिला पर्षद अध्यक्ष फौजदार चौहान का नाम दहेज हत्या मामले में आने के बाद जिले में फिर एक बार दहेज हत्या को लेकर बहस तेज हो गयी है.
नगर थाने के फतेहपुर निवासी सुरेंद्र चौहान ने दरौली थाना कांड संख्या 156/15 दर्ज करायी थी, जिसमें दहेज हत्या के लिए अपनी पुत्री अर्चना चौहान को जला कर मार डालने का आरोप लगाया था. इसमें जिप अध्यक्ष फौजदार चौहान, उनकी पत्नी उमा देवी और उनके बेटे व अर्चना के पति अनिल चौहान को आरोपित किया था. इस हाइ प्रोफाइल मामले में पुलिस पर दबाव बढ़ रहा है और इसमें रसूखदार के नाम आने से मृतका के परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद अब धुंधलाने लगी है.
क्योंकि उनको लग रहा है कि पुलिस इस मामले में मात्र कोरम पूरा कर रही है. लोगों व अधिवक्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार दहेज हत्या मामले में कानून की बारिकियों का फायदा आरोपित आसानी से उठा लेते हैं और मात्र दो प्रतिशत मामलों में ही अभियुक्तों को सजा मिल पाती है.
क्या है नियम
शादी के सात साल तक हत्या होने की स्थिति में ही दहेज हत्या का मामला दर्ज होता है. साथ ही इस मामले में दोषी पाये जाने पर 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा है. इसकी जानकारी देते हुए अधिवक्ता धर्मनाथ सिंह ने बताया कि आम तौर पर दहेजहत्या मामले में आरोपितों को कानूनी पेच का फायदा मिलता है.
वे बताते हैं कि कुछ स्थितियों में हत्या कर लाश जला देने या गायब कर देने की स्थिति में परेशानी और बढ़ जाती है और यह सिद्ध करना काफी मुश्किल होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें