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खुदाई में मिली प्राचीन खेल की मिट्टी की बनी डिस्क
बड़ी संख्या में गुप्त काल की ईंट व टुकड़े भी मिले इसके बाद की खुदाई में बुद्धकालीन अवशेष मिलने की है उम्मीद सीवान : जिले के पचरुखी प्रखंड के पपौर गांव के टीले की खुदाई 11 वें दिन भी जारी रही. सोमवार को उत्खनन में एक प्राचीन खेल की मिट्टी की बनी डिस्क मिली. आज […]
बड़ी संख्या में गुप्त काल की ईंट व टुकड़े भी मिले
इसके बाद की खुदाई में बुद्धकालीन अवशेष मिलने की है उम्मीद
सीवान : जिले के पचरुखी प्रखंड के पपौर गांव के टीले की खुदाई 11 वें दिन भी जारी रही. सोमवार को उत्खनन में एक प्राचीन खेल की मिट्टी की बनी डिस्क मिली. आज के समय में भी ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चियां जमीन पर लकीरे खींच कर एक पैर को उठा कर मिट्टी की डिस्क को पैर से मार कर एक खाने से दूसरे खाने में ले जाती हैं.
इसके अलावा बड़ी मात्र में गुप्तकालीन मिट्टी के बरतन के टुकड़े व ईंट के टुकड़े मिले हैं. अब तक करीब दो मीटर की हुई खुदाई में मिट्टी की चार लेयर मिली हैं. तीसरे लेयर सफेद बालू की है. अभी तक हुए उत्खनन में सभी लेयर में मानव जीवन के अवशेष मिले हैं.उत्खनन कार्य में लगे सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ जेके तिवारी ने बताया कि एक मीटर और खुदाई होने के बाद बुद्धकालीन अवशेष मिलने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि अभी तक हुए उत्खनन में हम गुप्तकाल से थोड़ा आगे की ओर बढ़े हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गुप्त काल के जिस प्रकार के अवशेष मिलने चाहिए वैसे अभी तक नहीं मिले हैं.
जब तक कोई प्राचीन मूर्ति, शिलापट्ट या अभिलेख उत्खनन में नहीं मिलता, तब तक उत्खनन में मिले अवशेषों का काल निर्धारण सही रूप में कर पाना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि उत्खनन का कार्य सही दिशा में चल रहा है. एक मीटर के बाद उत्खनन में बुद्धकालीन अवशेष मिलने की पूरी उम्मीद है. सोमवार को उत्खनन के दौरान पावा उन्नयन ग्राम समिति के संयोजक कुशेश्वर नाथ तिवारी व डॉ अर¨वद कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे.
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