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डीएम दरबार पर टिका 99 पीआरएस का मामला
सीवान : पंचायत रोजगार सेवकों पर अब तक की सबसे बड़ी संख्या में कार्रवाई की तैयारी है. हड़ताल से वापस न आने पर शासन द्वारा इनका अनुबंध रद्द करने के आदेश के बाद यह कार्रवाई शुरू की गयी है. इसके तहत और 99 पंचायत रोजगार सेवकों को बरखास्त करने के लिए डीडीसी रविकांत तिवारी ने […]
सीवान : पंचायत रोजगार सेवकों पर अब तक की सबसे बड़ी संख्या में कार्रवाई की तैयारी है. हड़ताल से वापस न आने पर शासन द्वारा इनका अनुबंध रद्द करने के आदेश के बाद यह कार्रवाई शुरू की गयी है. इसके तहत और 99 पंचायत रोजगार सेवकों को बरखास्त करने के लिए डीडीसी रविकांत तिवारी ने प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दिया है. अब कार्रवाई का मामला डीएम दरबार पर आ टिका है. पंचायत रोजगार सेवक पिछले दो माह से हड़ताल पर हैं.
वेतनमान लागू करने की मांग को लेकर आंदोलित रोजगार सेवक सामूहिक रूप से अवकाश पर हैं. इसके चलते विभागीय कार्य ठप हैं. हालत यह है कि शासन ने कई बार हड़ताल जल्द समाप्त न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दे चुका है. इसके बाद भी पंचायत रोजगार सेवक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखे हुए हैं, जिसके चलते एक माह पूर्व चार रोजगार सेवकों का अनुबंध समाप्त कर विभाग पहले ही अल्टीमेटम दे चुका था कि अगर शेष पंचायत रोजगार सेवक काम पर नहीं लौटे, तो उनकी नौकरी जा सकती है.
इसी क्रम में शासन के आदेश पर एक बार फिर 99 पंचायत रोजगार सेवकों को बरखास्त करने के लिए डीडीसी रविकांत तिवारी ने प्रस्ताव तैयार कर कार्रवाई के लिए फाइल जिला पदाधिकारी को भेज दी है. कार्रवाई संबंधित रिपोर्ट पिछले तीन दिनों से जिला पदाधिकारी कार्यालय में पड़ी है.ऐसे में अब पंचायत रोजगार सेवकों की निगाह डीएम के अंतिम फैसले पर टिकी है. डीआरडीए के निदेशक रामानुज ने कहा कि रिपोर्ट कार्रवाई के लिए डीएम को भेज दी गयी है.
पहले से ही खाली है पीआरएस का पद
पंचायत रोजगार सेवकों के जिले में 293 पद हैं, जिनमें से मात्र 207 तैनात हैं. साथ ही चार की पिछले एक माह पूर्व सेवा समाप्त की जा चुकी है. ऐसे में 203 पंचायत रोजगार सेवक अब रह गये हैं.
इनमें से अब 99 पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट डीएम कार्यालय में भेजी गयी है. इस स्थिति में इन पर भी कार्रवाई की स्थिति में 104 पीआरएस अब रह जायेंगे. ऐसे में 293 ग्राम पंचायतों में कार्य की जिम्मेवारी 104 पंचायत रोजगार सेवकों पर है, जिसके चलते अब आगे भी पंचायतों का कार्य बाधित होने की पूरी आशंका है.
सामूहिक इस्तीफा देंगे पीआरएस
पीआरएस पर कार्रवाई के चलते मामला गरमाने लगा है. पंचायत रोजगार सेवक संघ प्रशासन की दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में आर-पार की लड़ाई लड़ने का अब एलान किया है.
संगठन के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि जल्द ही सामूहिक इस्तीफा देने के साथ ही जरूरत पड़ने पर पीआरएस सामूहिक रूप से आत्मदाह करेंगे. उन्होंने कहा कि इसको लेकर सात जुलाई को पीआरएस की बैठक बुलायी गयी है, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जायेगा. हमारे आंदोलन को तोड़ने की साजिश प्रशासन कर रहा है, जिसे हम पूरा होने नहीं देंगे
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