Advertisement
चार कमरों में पढ़ते हैं 1454 छात्र
महाराजगंज : प्रखंड लकड़ीनबीगंज क्षेत्र का हाइ स्कूल किशुनपुरा सन 1951 में स्थापित किया गया था. पूर्व में स्कूल भवन खपरैल का था. खपरैल की स्थिति जजर्र देख करकट से स्कूल भवन को छाया गया. पर आज वह करकट भी टूटने के कगार पर है. वहीं विद्यालय परिसर में 2010 में दो कमरों का निर्माण […]
महाराजगंज : प्रखंड लकड़ीनबीगंज क्षेत्र का हाइ स्कूल किशुनपुरा सन 1951 में स्थापित किया गया था. पूर्व में स्कूल भवन खपरैल का था. खपरैल की स्थिति जजर्र देख करकट से स्कूल भवन को छाया गया.
पर आज वह करकट भी टूटने के कगार पर है. वहीं विद्यालय परिसर में 2010 में दो कमरों का निर्माण कराया गया था. उसकी भी छत टूट कर गिर रही है. बरसात के दिनों में पानी टपकता है. फर्श की भी स्थिति जजर्र है.
छात्रों को कमरों में बैठ कर शिक्षा ग्रहण करने में हमेशा भय बना रहता है. छात्रों की संख्या ज्यादा होने से उनके पठन-पाठन भी प्रभावित होता है. विद्यालय में नवम् वर्ग में 824 व दशम् में 630 विद्यार्थी वर्तमान में नामांकित हैं, जिनमें लड़कियों की संख्या 770 व छात्रों की संख्या 678 है.
नवम् वर्ग को सात खंड में बांट कर पढ़ाई की जाती है. वहीं दशम वर्ग की छह खंडों में पढ़ाई होती है. छात्रों के अनुपात में विद्यालय में 10 कमरों की आवश्यकता है. स्कूल में मात्र आठ शिक्षक हैं, जबकि आवश्यकता 35 शिक्षकों की है. विद्यालय में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कॉमन रूम भी नहीं है. वहीं अंगरेजी विषय के शिक्षक भी नहीं है. विज्ञान की पढ़ाई के लिए दो शिक्षकों की और आवश्यकता है. 14 सौ छात्रों पर एक शौचालय है. एक चापाकल है, जहां पानी पीने के लिए भी छात्रों की भीड़ लगी रहती है.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
विद्यालय में शिक्षक व कमरों के कमी के बारे में जिले के उच्च अधिकारियों को कई बार सूचना दी गयी है. आश्वासन तो मिलता, लेकिन अभी तक संसाधन के अभाव में विद्यालय समस्याओं से जूझ रहा है.
शिवचंद सिंह
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement