सीवान : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के नेतृत्व पर जारी दो दिवसीय हड़ताल के दौरान जिले तकरीबन पांच सौ करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है. हड़ताल के दूसरे दिन गुरुवार को विभिन्न बैंकों के 212 से अधिक शाखाओं में ताला लटका रहा. हालांकि आज शुक्रवार से हड़ताल समाप्त हो गया और सभी कर्मचारी अपने अपने काम पर लौट आये. हड़ताल के कारण अधिकांश एटीएम ने जवाब दे दिया. एटीएम में पैसे नहीं होने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि हड़ताल पूर्व सभी एटीएम में पैसा डालने का दावा लीड बैंक द्वारा किया गया.
हड़ताल से व्यवसायी वर्ग काफी परेशानी रहे. किसी तरह का लेने देने नहीं हो पा रहा था. जिससे कई बड़े व्यवसायी दैनिक बिक्री की रकम घर में रखने को बाध्य थे. वहीं दूसरी ओर उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में हड़ताल नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में थोड़ी राहत रही. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में 50 से अधिक एटीएम पूरी तरह से बंद रहे. हड़ताल के कारण दूसरे दिन एटीएम में कैश लोड नहीं किया गया. जिससे एटीएम जवाब दे गये. हड़ताल को लेकर सभी संघ के नेता व कर्मचारी शहर के बबुनिया मोड़ स्थित केनरा बैंक के मुख्य शाखा पर एकत्रित हुए.
जहां वे अपनी मांगों के समर्थन में सरकार विरोधी नारेबाजी की. इसके बाद एक सभा का भी आयोजन किया गया. सीवान फोरम के सचिव कलीमुल्लाह अंसारी ने कहा कि बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि एक नवंबर 2017 से लंबित है. सरकारी एजेंसी आईबीए मात्र दो फीसदी वेतन वृद्धि का प्रस्ताव दे रही है, जो गलत है. बैंकों के पास ऑपरेटिंग प्रॉफिट 15 हजार 900 करोड़ है. फिर भी केंद्र सरकार पूंजीपतियों से बकाये लोन की राशि नहीं वापस ले पा रही है. बैंकों का एनपीए बढ़ रहा है. अभी एनपीए 10 लाख करोड़ पहुंच गया है. इनमें 80 फीसदी बड़े घरानों के पास है. उसे वापस लाने की मांग की. उन्होंने कहा कि बैंकिंग कारोबार में बढ़ोतरी हो रहा है, परंतु स्टॉफ कम हो रहे है. उन्होंने बैंकों में नियुक्तियां चालू करने की मांग की. मौके पर मोहमद यासीन, फरीद हसन, अमन, विजय चौबे, सुरेंद्र सिंह, विशाल रंजन, ओमप्रकाश, दिनेश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहें.