सीवान : सदर अस्पताल में सोमवार को विश्व एंटीबायोटिक्स वीक के अवसर पर एंटीबीयोटिक्स दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. सुबीन सुब्रहमन्यम सहित सभी प्राथमिक व रेफरल अस्पतालों के मेडिकल ऑफिसरों ने भाग लिया. कार्यशाला में एसीएमओ डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा कि बीमारियों में तुरंत आराम के चक्कर में एंटीबायोटिक्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है.
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एंटीबायोटिक्स हर बीमारी का इलाज नहीं
सीवान : सदर अस्पताल में सोमवार को विश्व एंटीबायोटिक्स वीक के अवसर पर एंटीबीयोटिक्स दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. सुबीन सुब्रहमन्यम सहित सभी प्राथमिक व रेफरल अस्पतालों के मेडिकल ऑफिसरों ने भाग लिया. कार्यशाला में एसीएमओ डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा […]
लेकिन ये स्थिति कई समस्याओं की वजह बन सकती है. कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग होनेवाली एंटीबायोटिक्स खुद बीमारी की वजह बन सकती है. एंटीबायोटिक एक ऐसी दवा है, जो इन्फेक्शन व कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है. लेकिन एंटीबायोटिक्स का अगर सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया,
तो लाभ की जगह ये नुकसान पहुंचा सकती है. उन्होंने कहा कि दवा दुकानों से लोग एंटीबायोटिक्स खरीद कर खाते हैं. दवा का डोज कम होने या दवा का डोज अधिक होने की स्थिति में मरीज को परेशानी हो सकती है.
कैसे करें एंटीबायोटिक्स का सही प्रयोग : एसीएमओ डॉ प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा कि आज एंटीबायोटिक्स सबसे ज्यादा प्रेस्क्राइब की जानेवाली दवा बन गयी है. चूंकि इससे तुरंत आराम मिलता है, इसलिए हम भी चाहते हैं कि डॉक्टर एंटीबायोटिक जरूर दें. कई डॉक्टर भी जरूरी नहीं होने पर भी एंटीबायोटिक्स लिख देते हैं.
कुल मिलाकर दुनिया भर में एंटीबायोटिक्स का उपयोग की बजाय दुरुपयोग हो रहा है. सबसे पहले तो ये जान लें कि एंटीबायोटिक्स बेहद इफेक्टिव दवा ज़रूर है, लेकिन ये हर बीमारी का इलाज नहीं है. ये भी ध्यान रखें कि एंटीबायोटिक्स सिर्फ़ बैक्टीरियल इन्फेक्शन से होनेवाली बीमारियों पर असरदार है. वायरल बीमारियों, जैसे- सर्दी, जुकाम, फ्लू, ब्रॉन्काइटिस, गले में इन्फेक्शन आदि में ये कोई लाभ नहीं देती. ये वायरल बीमारियां ज्यादातर अपने आप ठीक हो जाती हैं. हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इन वायरल बीमारियों से खुद ही निपट लेती है. इसलिए अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कोशिश करें.
बैक्टीरियल इन्फेक्शन से होनेवाली हेल्थ प्रॉब्लम्स में कई बार एंटीबायोटिक्स लेना जरूरी हो जाता है. एंटीबायोटिक्स तभी लें, जब जरूरी हो और जब डॉक्टर ने प्रेस्क्राइब किया हो, वरना ऐसा हो जायेगा कि जब आपको सही में एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत होगी, तब वो बेअसर हो जायेगी. दरअसल, एंटीबायोटिक्स लेने से सभी बैक्टीरिया नहीं मरते और जो बच जाते हैं, वे ताकतवर हो जाते हैं. इन बैक्टीरिया को उस एंटीबायोटिक्स से मारना असंभव हो जाता है. ये एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंट बैक्टीरिया कहलाते हैं. मौके पर उपाधक्षक डॉ एमके आलम, पीएन सिंह, रणधीर कुमार, अशोक कुमार शर्मा, राकेश कुमार सिंह, डॉ एगनी, डॉ विजय कुमार, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ मुकेश क्मार श्रीवास्तव, डॉ आरती कुमारी, डॉ उमेश कुमार शर्मा, डॉ सुनील कुमार
आदि उपस्थित थे.
विश्व एंटीबायोटिक्स वीक पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
बिना डॉक्टर की सलाह के दवा दुकानों से खरीद कर नहीं खाएं एंटीबायोटिक्स
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