गुठनी : जिले में बाजार शब्द का जब भी चर्चा होगी, उसमें छोटी गंडकी नदी के तट पर अवस्थित गुठनी बाजार का नाम जरूर लिया जायेगा. दुखद यह है कि भिन्न-भिन्न कारणों से ये बाजार आज अपना अस्तित्व बचाने को संघर्षरत है. वहीं, बुनियादी सुविधाओं के भी दंश को झेल रहा है. शुक्रवार को गुठनी बाजार में आयोजित एक संगोष्ठी में व्यवसायियों ने खुल कर अपनी बातें रखीं और इसके समाधान के उपायों पर चर्चा की. गोष्ठी में बाजार के प्रमुख व्यवसायी मौजूद रहे तथा अपना सुझाव दिया.
कभी इस बाजार में पीतल धातु की ढलाई कर बनाये जाने वाले करछुल के निर्माण से लघु उद्योग जैसे धंधे को गति मिलने की उम्मीद थी और वही व्यवसाय समाप्त हो गया. आज बाजार जिन मूलभूत समस्याओं को झेल रहा है, इससे आगे का भविष्य भी विकास से रहित दिख रहा है. आज इस बाजार में बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ग्राहकों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. व्यवसायियों ने कहा कि सबके सहयोग से ही बाजार का विकास संभव है़ अंचल कार्यालय से प्रतिवर्ष बाजार का डाक कर लाखों का ठेका तो दिया जाता है, पर ग्राहकों की सुविधा के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता. इन तमाम बिंदुओं पर चर्चा कर व्यवसायियों ने हल खोजना शुरू किया.