सीवान : देश में सांप्रदायिक तनाव व उन्माद फैलाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ ही अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) का एक दिवसीय सातवां राज्य सम्मेलन मंगलवार को यहां टाउन हॉल में संपन्न हो गया. वहीं, दूसरी ओर नफरत और हिंसा नहीं, सबको बराबरी सबका सम्मान तथा संघ ब्रिगेड होशियार, नहीं सहेंगे नारी पर अत्याचार के नारे को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया.
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि आज देश में संघ परिवार सहित अन्य संगठन उन्माद फैलाने व उत्पात मचाने की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रखर पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की दी गयी, उन्हें गाली दी गयी. जबकि गाली देनेवालों को नरेंद्र मोदी स्वयं फॉलो करते हैं, परंतु उन्होंने कुछ नहीं कहा. वहीं दूसरी ओर कविता कृष्णन्न, मेहला राशिद, अरूंधति राय व सागरिका घोष को जान से मारने की धमकी दी जाती है, और प्रधानमंत्री चुप हैं.
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि गौरी लंकेश की हत्या के बाद भाजपा विधायक का यह कहना कि आरएसएस के खिलाफ नहीं बोलती, तो आज जिंदा रहती, समझ से परे है. आईसा अध्यक्ष सुचेता डे ने सीवान की धरती पर शहीद होने वाले चंद्रशेखर को नमन करते हुए कहा कि कहा कि आज केंद्र की सरकार ने जेएनयू सहित हर जगह छात्रों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. उन्होंने इसके खिलाफ छात्रों, युवाओं व महिलाओं से संघर्ष तेज करने की अपील की. सुचिता डे ने कहा कि बहुत हुआ नारी पर अत्याचार, अबकी बार भाजपा सरकार सहित युवाओं को रोजगार देनेवाली भाजपा का वादा कहां गया. सम्मेलन की शुरुआत झंडोत्तोलन से हुई. इसे ढेला देवी ने किया. जेएनयू की पूर्व महासचिव चिंटू तिवारी ने कहा कि एक तरफ जहां देश में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, वहीं गरीबों व महिलाओं को अपमानित किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मीरा ने कहा कि बिहार में सामंती उत्पीड़न के खिलाफ ऐपवा लड़ रही है, और महिलाओं के हक के लिए आगे भी लड़ती रहेगी. सम्मेलन की समाप्ति के मौके पर 14 बिंदुओं का एक प्रस्ताव पारित किया गया. सम्मेलन का संचालन राज्य सचिव शशि यादव ने किया. मौके पर सोहिला गुप्ता, सरोज चौबे, अनिता सिन्हा, सावित्री देवी, इंदु सिंह व मालती राम ने आगत अतिथियों का स्वागत किया.