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35 की जगह सात डॉक्टरों से चल रहा काम

विडंबना. 75 बेडों वाले अनुमंडल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, इलाज की नहीं समुिचत व्यवस्था 22 जीएनएम की जगह महज पांच करती हैं काम बेहतर स्वास्थ्य सेवा का नहीं मिल रहा लाभ महाराजगंज : त्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. क्षेत्र एक अनुमंडलीय अस्पताल व पीएचसी होने […]

विडंबना. 75 बेडों वाले अनुमंडल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, इलाज की नहीं समुिचत व्यवस्था

22 जीएनएम की जगह महज पांच करती हैं काम
बेहतर स्वास्थ्य सेवा का नहीं मिल रहा लाभ
महाराजगंज : त्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. क्षेत्र एक अनुमंडलीय अस्पताल व पीएचसी होने के बाद भी मरीज व उनके तिमारदार इलाज के लिए दर-दर भटकते नजर आते हैं. हो भी क्यों न, अनुमंडल में पांच करोड़ की लागत से बना अनुमंडलीय अस्पताल खुद संसाधन के साथ-साथ कर्मी की कमी का दंश जो झेल रहा है. क्षेत्र में अनुमंडलीय अस्पताल खुलने के समय लोगों की खुशी व्याप्त थी कि उन्हें यहीं पर इलाज की सारी सुविधाएं मुहैया होंगी,
परंतु उनकी खुशी उद्घाटन के साथ ही समाप्त हो गयी. 13 जनवरी, 2013 को इस अस्पताल का उद्घाटन हुआ था. परंतु, न तो संसाधन उपलब्ध कराया गया और न ही चिकित्सकों की तैनाती की गयी. यह अस्पताल हाथी के सफेद दांत के समान बना हुआ है. 75 बेड वाले इस अस्पताल से मरीजों का धीरे-धीरे मोहभंग भी होता जा रहा है.
हर विभाग में कम से कम तीन डॉक्टर होना अनिवार्य
अनुमंडल अस्पताल में 35 डॉक्टरों के पद सृजित है. परंतु वर्तमान सात डॉक्टर कार्यरत है. इसमें पांच नियमित व 2 संविदा पर तैनात हैं. हर विभाग में कम-से-कम तीन डॉक्टरों का होना अनिवार्य है. लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण अस्पताल की चिकित्सकीय कार्य लचर है. इएनटीआइ, सर्जन, मानसिक रोग, डेंटिस्ट, चरम रोग, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट व फैमिली प्लानिंग आदि के विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है. आइसीयू व्यवस्था के लिए कमरे उपलब्ध है. लेकिन डॉक्टर व अलावे इसके संसाधन का भी घोर आभाव है. वहीं अस्पताल में डॉक्टर के अलावे ड्रेसर, ओटी असिस्टेंट भी नहीं है.
अस्पताल में एएनएम की पोस्टिंग नहीं
अनुमंडलीय अस्पताल में 22 जीएनएम का पद है. वर्तमान में सिर्फ पांच जीएनएम ही अस्पताल में कार्यरत हैं. अस्पताल में एएनएम की पोस्टिंग नहीं है. लेकिन ए ग्रेड नर्स के आभाव में चार एएनएम प्रितिनुक्ति में काम कर रही है. नियमतः हर विभाग का ओपीडी सुबह 08:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक चलाना चाहिए. लेकिन निर्धारित समय के अनुसार नहीं चलता है. अलग-अलग विभाग के डॉक्टर के लिए कक्ष उपलब्ध है. लेकिन डॉक्टर के अभाव में सभी विभाग का ओपीडी नहीं चलता है. अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध करानी है. जो अभी तक उपलब्ध नहीं है. महिलाओं के प्रसव में सीजेरियन के सामान की जरूरत है. लेकिन अस्पताल में महिला डॉक्टर को अपने से लाकर काम चलाया जाता है. इससे मरीज को बहार के अस्पतालों का रास्ता देखना पड़ रहा है. अस्पताल भले ही मरीजों के बेहतर सुविधा के लिए बनाया गया. लेकिन सुविधा नदारद है.
डॉक्टरों के लिए लिखा गया है सीएस को
यह बात सही है कि अनुमंडल अस्पताल में विभिन्न विभाग के डॉक्टर व संसाधन की कमी है. डॉक्टर व संसाधन उपलब्ध कराने के लिए जिला के सिविल सर्जन को लिखा गया है. उपलब्ध होने पर मरीजों को बाहर के अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा. हाल फ़िलहाल जो डॉक्टर व संसाधन उपलब्ध है, उनसे चिकित्सकीय काम लिया जाता है.
डा़ॅ सनत कुमार, उपाधीक्षक, अनुमंडल अस्पताल, महाराजगंज

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