सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के भलुआहा पंचायत के मुखिया बिल्टू राय उर्फ बिलट उर्फ बिलट प्रसाद यादव बिहार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य ठहराये गये हैं. निर्वाचन आयोग ने जांच में उन पर नेपाली नागरिक होने का आरोप सत्य पाया है. आयोग ने तथ्यों को छिपाने, नेपाल का नागरिक होकर भारत में होने वाले चुनाव में हिस्सा लेने के साथ गलत शपथ-पत्र समर्पित करने के आरोप में बिल्टू राय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए डीएम को अधिकृत किया है.
क्या है पूरा मामला
सोनबरसा प्रखंड के परसा खुर्द के मुकेश कुमार साह ने राज्य निर्वाचन आयोग के यहां एक वाद संख्या- 19/2023 दायर कर शिकायत की थी कि लरकावा गांव के बिल्टू राय भलुआहा पंचायत के मुखिया हैं. वो मूल रूप से नेपाल राष्ट्र के कपिलवासी नगरपालिका के स्थायी निवासी है.
साह ने आयोग से बिहार पंचायत राज अधिनियम- 2006 की धारा- 135 एवं 136 (2) के तहत नेपाली नागरिक के आरोप में राय को मुखिया पद से हटाने की मांग की थी. वादी, प्रतिवादी के साथ जिला पंचायती राज पदाधिकारी ( डीपीआरओ) से पक्ष सुन आयोग द्वारा फैसला सुनाया गया है, जिसमें बिल्टु राय को मुखिया की कुर्सी से हटा दिया गया है.
वर्ष 2007 से ही नेपाली नागरिक
सुनवाई के दौरान साह के अधिवक्ता ने कहा कि राय वर्ष 2007 से नेपाली नागरिक हैं. इस सच को राय ने भी स्वीकारा है. अधिवक्ता ने आगे बताया कि प्रतिवादी द्वारा स्वीकार किया गया है कि नेपाली नागरिकता के त्याग के लिए आवेदन दिया था, जिसके आधार पर नागरिकता को समाप्त कर उनका नाम मतदाता सूची से 22 मई 2023 को हटाया गया. इससे साबित होता है कि उक्त तिथि तक राय नेपाली नागरिक थे. इसकी सूचना नेपाल सरकार द्वारा भारत सरकार के माध्यम से दी गयी है. साह के अधिवक्ता की दलील थी कि नेपाली नागरिकता छोड़ देने से भारतीय नागरिकता स्वत: प्राप्त नहीं हो जाती है.
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