महज 50 हजार के मॉडम के लिए रेलवे को प्रतिदिन लग रहा एक लाख रुपये का चूना
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काम-काज ठप
महज 50 हजार के मॉडम के लिए रेलवे को प्रतिदिन लग रहा एक लाख रुपये का चूना रिजर्वेशन के लिए पहुंच रहे सैकड़ों लोग रोजाना लौटने को विवश सीतामढ़ी : रेलवे की लापरवाही के चलते मुख्यालय डुमरा स्थित कंप्यूटरीकृत रेलवे आरक्षण केंद्र के काम-काज ठप पिछले ढाई महीने से बंद है. इसके चलते एक ओर […]
रिजर्वेशन के लिए पहुंच रहे सैकड़ों लोग रोजाना लौटने को विवश
सीतामढ़ी : रेलवे की लापरवाही के चलते मुख्यालय डुमरा स्थित कंप्यूटरीकृत रेलवे आरक्षण केंद्र के काम-काज ठप पिछले ढाई महीने से बंद है. इसके चलते एक ओर जहां लोग परेशान है, वहीं दूसरी ओर इस केंद्र के बंद रहने से रेलवे को तकरीबन एक करोड़ रुपये की क्षति उठानी पड़ी है. जबकि टिकट आरक्षण के लिए आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालत यह है कि लोग बिचौलियों के माध्यम से दोगुनी कीमत पर टिकट खरीदने को विवश है.
रेलवे आरक्षण केंद्र के मॉडम में आयी तकनीकी खराबी की वजह से जहां काम – काज ठप है, वहीं केंद्र में ताला लटक गया है. इसके चलते रेलवे को रोजाना चूना लग रहा है. जबकि रोजाना टिकट रिजर्वेशन कराने आये लोग बैरंग लौट रहे है. हैरत की बात यह है कि जिस मॉडम में आयी तकनीकी खराबी के लिए यह केंद्र बंद है, उसकी कीमत महज 50 हजार रुपये है. लेकिन रेलवे उक्त मॉडम को बदल नहीं रहा है. रेलवे इसके लिए दूरसंचार विभाग को दोषी ठहरा रहा है. जबकि दूरसंचार विभाग का कहना है कि उसका काम केवल कनेक्शन करना है, मॉडम लगाने का काम उसके जिम्में में नहीं आता है, ऐसे में रेलवे को ही दूसरा मॉडम लगाना होगा. रेलवे व दूरसंचार के बीच के टकराव में खुद रेलवे को ही क्षति उठानी पड़ रहीं है. जबकि इसमें आम जनता परेशान होकर रह गयी है.
क्या है मामला : रेलवे मंत्रालय ने आम जनता को आसानी से टिकट रिजर्वेशन की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जिला मुख्यालयों में कंप्यूटरीकृत रेलवे आरक्षण केंद्र की स्थापना की थी. इसके तहत मुख्यालय डुमरा के कोर्ट परिसर में भी रेलवे आरक्षण केंद्र की स्थापना की गयी. शुरुआती दिनों में यह केंद्र आम जनता के लिए बड़ी राहतदायक साबित हुआ.
चंद दिनों में ही यहां लोगों की भीड़ उमड़ने लगी. सुदूर प्रखंडों से लोग डुमरा पहुंच टिकट का रिजर्वेशन कराते रहे. हालत यह कि लोग आधी रात से ही आरक्षण केंद्र के काउंटर के सामने कतार लगा देते थे. इस केंद्र से टिकट रिजर्वेशन से रोजाना रेलवे को औसतन एक लाख रुपये बतौर राजस्व प्राप्त होने लगा. लेकिन समय बीतने के साथ ही केंद्र की बदहाली की कहानी शुरू हो गयी, जो अब भी जारी है. पिछले साल आॅप्टिकल फाइबर कट जाने की वजह से यह केंद्र महीनों बंद रहा. वहीं अब मॉडम में आयी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से यह केंद्र ढ़ाई महीने से बंद है. बीते 10 सितंबर से अब तक केंद्र बंद है. नतीजतन रेलवे को नुकसान व आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रहीं है.
बोले मुख्य वाणिज्य निरीक्षक :
मुख्य वाणिज्य निरीक्षक वरुण कुमार ने बताया कि डुमरा रेलवे आरक्षण केंद्र का मॉडम खराब है. इसके चलते काम-काज ठप है. लिहाजा केंद्र बंद है. इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी जा चुकी है. हालांकि इसके चलते रेलवे को होने वाली क्षति की जानकारी देने से पल्ला झाड़ लिया.
बोले सहायक अभियंता :डुमरा रेलवे रिजर्वेशन काउंटर के मॉडम ख़राब होने की बाबत पूछे जाने पर दूरसंचार विभाग के सहायक अभियंता आशुतोष कुमार ने बताया कि दूरसंचार विभाग का काम संचार व्यवस्था के माध्यम से रेलवे के मॉडम में लिंक कनेक्टिविटी उपलब्ध करा कर संचार सेवा प्रदान करना है, न की मॉडम को ठीक करना. अगर मॉडम खराब है तो बदलना रेलवे की जिम्मेदारी है.
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