लिपिक ने बहन की शादी में खर्च कर दिये 66,500 रुपये
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बीसीए वोकेशनल कोर्स के 4.44 लाख का गबन
लिपिक ने बहन की शादी में खर्च कर दिये 66,500 रुपये डुमरा : रामसेवक सिंह महिला कॉलेज, डुमरा में बीसीए वोकेशनल कोर्स मद के 4.44 लाख के गबन कर लेने का मामला सामने आया है. कॉलेज मद की उक्त राशि को प्राध्यापक व कर्मियों ने अपना निजी पैसा समझ लिया. किसी ने अपनी बहन की […]
डुमरा : रामसेवक सिंह महिला कॉलेज, डुमरा में बीसीए वोकेशनल कोर्स मद के 4.44 लाख के गबन कर लेने का मामला सामने आया है. कॉलेज मद की उक्त राशि को प्राध्यापक व कर्मियों ने अपना निजी पैसा समझ लिया. किसी ने अपनी बहन की शादी में पैसे खर्च कर लिये तो किसी ने अपने निजी काम में. कर्मी दीमक की तरह पैसे चट कर रहे थे. कॉलेज प्रबंधन को थोड़ी भी आशंका नहीं थी कि उनके दो प्राध्यापकों समेत चार कर्मी अंदर ही अंदर पैसों को अपने निजी कार्यों में खर्च कर रहे है. गबन की भनक लगने पर जांच करायी गयी तो मामला सामने आया. खास बात यह कि मई 2011 से ही पैसे का गबन शुरू किया गया. प्राचार्या डॉ ममता सिन्हा द्वारा डुमरा थाने में कर्मियों के विरुद्ध गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
दो प्राध्यापक समेत चार पर गबन की प्राथमिकी
अब जानें पूरा मामला
प्राथमिकी में प्राचार्या ने बताया है कि कॉलेज में वर्ष 2010 में बीसीए के वोकेशनल कोर्स की शुरुआत हुई. उस दौरान तत्कालीन प्राचार्य डॉ एचएन ठाकुर बीसीए के निदेशक तो लेक्चरर किशोर शर्मा समन्वयक थे. वर्ष 2011 में एचओडी डॉ उपेंद्र कुमार चौधरी समन्वयक बने. पुन: अगस्त 2013 से अब तक श्री शर्मा समन्वयक बने हुए है. छह सितंबर 2010 से सहायक रविशंकर व आदेशपाल इंद्रजीत सिंह उक्त विभाग में कार्यरत थे. गबन का मामला सामने आने पर सहायक रविशंकर से स्पष्टीकरण पूछा गया. उसने गबन की बात स्वीकार कर ली. बताया कि वर्ष 2013 में बहन की शादी में बीसीए मद का 66500 रुपये खर्च कर लिये थे. अन्य निजी खर्च मिलाकर उसके यहां बीसीए विभाग का कुल 82250 रुपये है.
आदेशपाल भी नहीं रहा पीछे
लेक्चरर श्री शर्मा द्वारा अपने निजी काम में 279766 रुपये खर्च कर लिया गया. आदेशपाल इंद्रजीत भी लेक्चरर व लिपिक से पीछे नहीं रहा. हालांकि उसके द्वारा खर्च की गयी राशि काफी कम है. इंद्रजीत ने अपने निजी काम में 6900 रुपये खर्च कर लिया. इस तरह श्री चौधरी के मई 2011 से जुलाई 2013 तक के कार्यकाल में 65000 रुपये का गबन हुआ. थानाध्यक्ष छोटन कुमार ने बताया कि मामला सरकारी संस्थान के वित्तीय अनियमितता का है. प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया जा रहा है.
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