लापरवाही. स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता, तीन घंटे लेट शुरू हुआ शिविर
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बगैर जांच कराये लौटे दिव्यांग
लापरवाही. स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता, तीन घंटे लेट शुरू हुआ शिविर डीएम के आदेश का नहीं दिखा असर स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता व शिथिलता के कारण शिविर से लाभान्वित होने वाले हजारों लोगों की संख्या सैकड़ों तक सिमट कर रह गयी. दूसरे पीएचसी की बात छोड़ भी दे तो जिला मुख्यालय स्थित पीएचसी से सैकड़ों […]
डीएम के आदेश का नहीं दिखा असर
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता व शिथिलता के कारण शिविर से लाभान्वित होने वाले हजारों लोगों की संख्या सैकड़ों तक सिमट कर रह गयी. दूसरे पीएचसी की बात छोड़ भी दे तो जिला मुख्यालय स्थित पीएचसी से सैकड़ों दिव्यांग स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जांच कराये बगैर उदास मन से घर लौट गये. यह हाल तब है, जब डीएम राजीव रौशन ने पहली दफा परीक्षण शिविर के फ्लॉप होने पर दूसरी दफा जिले के स्वास्थ्य विभाग को पत्राचार करते हुए इसे सफल बनाने का स्पष्ट निर्देश दिया था.
तीन घंटे विलंब से शिविर आरंभ
जिला मुख्यालय स्थित पीएचसी में भारत सरकार की एडिप योजना के तहत डीएम के निर्देश पर दिव्यांगता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में जिले के सभी गांव-देहात से दिव्यांग पहुंचे थे, लेकिन शिविर तीन घंटे विलंब से शुरू की गयी.
इस कारण सैकड़ों नये दिव्यांगों को बिना जांच कराये बैरंग घर वापस लौटना पड़ा. जबकि आवेदन देने एवं जांच कराने के लिए गुरुवार के सुबह दस बजे से ही दिव्यांगों एवं उनके परिजनों की लंबी कतारें लगना शुरू हो गया था. कार्यक्रम समन्वयक रणजीत कुमार भी परेशान थे. तकरीबन 11 बजे एक आयुष चिकित्सक से मुलाकात हुई. उन्होंने शिविर के आयोजन को लेकर अनभिज्ञता व्यक्त की. कुछ देर बाद दूसरे चिकित्सक पहुंचे. डीएम को शिकायत करने के बाद दोपहर एक बजे शिविर आरंभ हुआ. डेउआ गांव निवासी सुनीता देवी ने बताया कि वह अपने पुत्र को लेकर सुबह दस बजे से ही अस्पताल आयी है, लेकिन एक बजे तक उनके पुत्र का जांच नहीं किया था. वह परेशान थी उनके पुत्र का आज जांच हो पायेगा या नहीं. इसको लेकर वह काफी परेशान थी. कहा कि पुत्र आनंद झा दिमागी रूप से विक्षिप्त है. इसी प्रकार से चिकित्सक कक्ष के बाहर खड़े दर्जनों लोगों ने जांच कराने के लिए परेशान थे.
वहीं अस्पताल कर्मी द्वारा पूछे जाने पर कहा जाता, बस थोड़ी देर में चिकित्सक आ रहे है, पर कौन चिकित्सक आ रहे है और कब आएंगे इस संबंध में कुछ नहीं बताया जा रहा था. इससे आक्रोशित हो दिव्यांगों के परिजन व दिव्यांगों ने चिकित्सक कक्ष के पास शोर-शराबा करना शुरू कर दिया. यह देख अस्पताल कर्मी ने फोन कर तुरंत चिकित्सक को आने की बात कही. इसके बाद करीब 1:15 में नये दिव्यांगों का जांच शुरू किया गया. तब जाकर लोग शांत हुए.
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