बागमती तटबंध के बीच चकवा का कायाकल्प
पीसीसी सड़क, बिजली व पुल-पुलिया बन जाने से गांव की तस्वीर बदल रही है. चकवा पंचायत के लोग सारी सुविधाएं पंचायत में उपलब्ध हो जाने से लोग पुनर्वास को भूल गये हैं.
बैरगनिया : प्रखंड के अख्ता पश्चिमी चकवा पंचायत में पिछले 15 वर्षों में विकास के कई कार्य हो जाने से पंचायत की सूरत बदल गयी है. बागमती व लालबकेया नदी के गोद में बसे इस पंचायत के लोग प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका का सामना करते है. पंचायत में पीसीसी सड़क व पुल-पुलिया बन जाने से काफी बदलाव आया है.
कृषि, पशुपालन व मछली पालन मुख्य पेशा: किसी समय इस पंचायत को प्रखंड का सबसे दुर्गम इलाका माना जाता है. अख्ता पश्चिमी चकवा एवं पिपराढ़ी सुल्तान गांव को मिला कर बना यह पंचायत बागमती तटबंध के बीच में बसा है. बागमती परियोजना को लागू होते समय यहां के लोगों को पुनर्वासित कराया जाना था, परंतु पुनर्वास नहीं हुआ. मुख्य रूप से कृषि व पशुपालन से जुड़े लोगों ने यहां रहने का फैसला कर लिया. सारी सुविधाएं अब पंचायत को उपलब्ध हो जाने से पुनर्वास को भूल गये.
दो मध्य व तीन प्राथमिक विद्यालय: 13 वार्ड वाले इस पंचायत में तीन माध्यमिक व तीन प्राथमिक विद्यालय है. जिसमें मध्य विद्यालय अख्ता बाजार उर्दू के पास अपना भवन नहीं है. यहां बच्चे झोपड़ी में शिक्षा ग्रहण करते है. प्रधान शिक्षक मो अमजद खान ने बताया कि भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण विद्यालय भवन नहीं बन सका है. नक्सली गतिविधि के कारण बदनाम पिपराढ़ी सुल्तान के मध्य विद्यालय का भवन बन चुका है. यहां के लोगों का मुख्य पेशा मछली पालन है. गांव के कई लोग आंध्रप्रदेश से मछली का कारोबार करते है.
शौचालय को लेकर चल रहा सर्वे: पंचायत के मुखिया कमर सुल्तान एवं पंचायत समिति सदस्य अफसाना खातून ने बताया कि पंचायत के पांच प्रतिशत लोगों के पास ही शौचालय है. जिस कारण अधिकांश लोग खुले में शौच को जाते है. स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर शौचालय उपलब्ध कराने के लिए सर्वे का काम चल रहा है. प्रक्रिया पूरी होते ही सभी घरों को शौचालय उपलब्ध कराया जायेगा. सामान्य महिला के लिए आरक्षित इस सीट को इस बार सामान्य श्रेणी में आरक्षित किया गया है.