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पंचायत में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था से खुले अवसर

रुन्नीसैदपुर : प्रखंड मुख्यालय को लेकर बने रुन्नीसैदपुर उत्तरी पंचायत विगत 10 वर्षों से सूबे में चले विकास की रोशनी से जगमग करता दिख रहा है. कीचड़ युक्त गांव की कच्ची सड़क पीसीसी में तब्दील हो चुकी है. वहीं सैकड़ों झुग्गी-झोपड़ी विकास के मदों से पक्के मकानों में बदल चुके हैं. दो-चार कमरा युक्त विद्यालय […]

रुन्नीसैदपुर : प्रखंड मुख्यालय को लेकर बने रुन्नीसैदपुर उत्तरी पंचायत विगत 10 वर्षों से सूबे में चले विकास की रोशनी से जगमग करता दिख रहा है. कीचड़ युक्त गांव की कच्ची सड़क पीसीसी में तब्दील हो चुकी है. वहीं सैकड़ों झुग्गी-झोपड़ी विकास के मदों से पक्के मकानों में बदल चुके हैं. दो-चार कमरा युक्त विद्यालय भवन अब दो मंजिला इमारत का रूप ले चुका है. बुजुर्गों, विकलांगों व विधवाओं को सरकारी पेंशन मुहैया कराया जा रहा है.

वहीं शुद्ध जलापूर्ति के लिए सोलर सिस्टम पर आधारित लघु पेयजल आपूर्ति योजना के तहत वाटर पंप व टंकी स्थापित कर कुछ सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं.

कई युवकों को मिला रोजगार
करीब 15 हजार की जनसंख्या वाले रुन्नीसैदुपर उत्तरी पंचायत के मुखिया राम शत्रुघ्न राय लगातार तीसरे कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. शिक्षा की व्यवस्था बेहतर स्थिति में हैं. पंचायत में पहले मात्र एक मध्य व दो प्राथमिक विद्यालय थे. अब विगत दस वर्षों के अंदर दोनों प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय का दर्जा प्राप्त हो चुका है. इसके अलावा तीन नव सृजित प्राथमिक विद्यालय खोले गये हैं. वर्तमान में तीन मध्य व तीन प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं.
सभी विद्यालय भवनों से सुसज्जित हो रहे हैं. पंचायत के कार्यों के निष्पादन के लिए पूर्व निर्मित पंचायत भवन भी हमेशा मरम्मत, रंगाई-पोताई व रख-रखाव के कारण बेहतर स्थिति में हैं. पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्रों की कुल संख्या 9 है, जिसमें दो केंद्र विभिन्न कारणों से बंद पड़े हैं. वहीं दो केंद्रों पर आंगनबाड़ी सेविका की नियुक्ति हाल ही में की गयी है. शेष पांच केंद्र का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है. विद्युत सुविधा के तहत पंचायत के सभी मोहल्ला का विद्युतीकरण किया जा चुका है.
पंचायत में तीन सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया है. किसानों की सुविधा के लिए पैक्स गोदाम भवन का निर्माण भी कराया गया है. ग्रामीण राम चंदर साह, गणेश ठाकुर, दिनेश बैठा, रामबाबू राय व हरि मंडल के अनुसार एक समय था, जब बरसात के दिनों में कीचड़ के कारण घर से नंगे पाव निकलना पड़ता था. अब किसी तरह की परेशानी नही होती थी.
विद्यालय की दुर्दशा से व गरीबी के कारण बच्चों को विद्यालय नही भेज पाते थे. आज बच्चे व बच्चियों को शिक्षित बनाने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है. गांव के दर्जनों युवक शिक्षक के पद पर कार्यरत हुए है. इनमें विक्रम कुमार, ज्ञान रौशन, राजेश कुमार व रवि चौधरी समेत अन्य का नाम शामिल है. वहीं आशीष कुमार, तारकेश्वर कुमार व अमर कुमार समेत अन्य छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, तो कुछ पूरा कर रहे है. कई छात्र आइआइटी की तैयारी भी कर रहे है.

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