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मोक्ष की प्राप्ति को हजारों ने लगायी डुबकी

मोक्ष की प्राप्ति को हजारों ने लगायी डुबकी फोटो नंबर- 16 बागमती में स्नान करते महिला व पुरुष, 17 नदी किनारे की जा रही भक्तइ, 18 ब्रह्मा कुमारी विश्व विद्यालय की शिविर, 20 चोरौत में नदी में स्नान करते लोग, 21 गंगा घाट पर भक्तइ देखते लोग प्रतिनिधि, सीतामढ़ी. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर विभिन्न […]

मोक्ष की प्राप्ति को हजारों ने लगायी डुबकी फोटो नंबर- 16 बागमती में स्नान करते महिला व पुरुष, 17 नदी किनारे की जा रही भक्तइ, 18 ब्रह्मा कुमारी विश्व विद्यालय की शिविर, 20 चोरौत में नदी में स्नान करते लोग, 21 गंगा घाट पर भक्तइ देखते लोग प्रतिनिधि, सीतामढ़ी. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर विभिन्न नदियों में बुधवार को हजारों महिला व पुरुषों ने डुबकी लगायी. कहा जाता है कि आज के दिन नदियों में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. स्नान करने के लिए मंगलवार की शाम से ही नदियों के किनारे भीड़ जुटने लगी थी. सुबह होते-होते नदियों के किनारे पैर रखने तक की जगह नहीं थी. ठंड पर आस्था भारी नदी का पानी ठंडा होने के बावजूद स्नान करने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. महिला व पुरुषों ने आस्था के नाम पर पानी की ठंडक को मात देकर डुबकी लगायी. नदियों के किनारे मेला भी लगा था. भीड़ के चलते विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो, को लेकर पुलिस अधिकारी गश्त लगाते रहे. बैरगनिया. कार्तिक पूर्णिमा पर लोगों ने बागमती नदी के बेगाहीं व ढ़ेंग घाट पर नदी में डुबकी लगायी. सीतामढ़ी के विभिन्न प्रखंडों के अलावा शिवहर, पूर्वी चंपारण व नेपाल के भी लोग नदी में स्थान करने आये थे. इस दौरान मन्नत भी मांगी जाती है और वह पूरा होने पर नदी में प्रसाद व अन्य सामग्री चढ़ायी जाती है. ओझा-गुणी भी नदी किनारे भक्तइ करते हैं. बैरगनिया-ढ़ेंग पथ में जगह-जगह जाम लगा रहा. इधर, ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से शिविर लगायी थी और उसमें महिला व पुरुषों को धार्मिक बातों की जानकारी दी जा रही थी. ठहरने व भोजन की व्यवस्थाभकुरहर गांव की सफी माता पूजा समिति की ओर से पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने व भोजन की व्यवस्था की गयी थी. माता के मंदिर में राम नाम धुन का आयोजन किया गया था. ऐसा हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर किया जाता है. मौके पर पूजा समिति के अध्यक्ष राजीव कुमार रमण, भोला साह, वार्ड पार्षद अच्छेलाल राम, प्रमोद कुमार, जितेंद्र राम, मोहन बैठा व जवाहर पासवान समेत अन्य मौजूद थे. सदस्यों ने श्रद्धालुओं को ठहराने व भोजन कराने में सक्रिय भूमिका निभायी. चोरौत. प्रखंड के कोकन गांव के समीप बढ़ने वाली नदी के ब्रज गंगा घाट पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी. पूरे दिन भर नदी में स्नान करने का सिलसिला जारी रहा. मंगलवार की सुबह से हीं नदी के किनारे दुकानें सजने लगी थी. यहां पुपरी अनुमंडल के अलावा पड़ोसी जिला मधुबनी, दरभंगा व नेपाल के भी श्रद्धालु आये थे. भक्तई का भी नजारा देखा गया. नदी का पानी गंगाजल के समान इस घाट पर श्रद्धालु 67 वर्षों से स्नान करते आ रहे हैं. इस नदी के पानी को गंगाजल की तरह माना जाता है. स्नान करने के बाद श्रद्धालु गंगाजल के रूप में नदी का जल ले जाते हैं. जानकारों का कहना है कि इस नदी का पानी प्रदूषित नहीं होता है. यानी पानी कभी भी खराब नहीं होता है. कहा जाता है कि 1948 में स्थानीय महंत लखन नारायण दास का निधन होने पर ब्रज गंगा घाट पर ही उनका दाह-संस्कार किया गया था और वह भी चंदन की लकड़ी से. वे आजीवन गंगाजल पीने के साथ हीं गंगाजल से हीं स्नान करते थे. उनके अंतिम संस्कार के बाद गंगा से लाये गये जल को नदी में इसी घाट पर बहा दिया गया था. उसी समय से इस नदी व इस घाट के प्रति लोगों में आस्था बढ़ गयी जो अब तक बरकरार है. रून्नीसैदपुर. प्रखंड के लखनदेई व बागमती नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी. प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. मेला भी लगा था. प्रखंड के मननपुर-मोड़संड गांव से लखनदेई नदी उत्तराहिणी घाट के नाम से प्रसिद्ध है. नदी के सटे शिव, पार्वती व हनुमान मंदिर श्रद्धा का केंद्र है. कार्तिक पूर्णिमा पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और लक्ष्मणा नदी के उत्तराहिणी घाट पर नदी में डुबकी लगाते हैं. इधर, बहुत से लोगों ने कटौझा के समीप बागमती नदी में स्नान किया. यहां भी यह नदी उत्तराहिणी बहती है. पुलिस दिन भर गश्त लगाती रही.

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