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पति व बच्चों के पास जाना चाहती है यूपी की चुनमुन

सीतामढ़ी : बेवफा प्रेमी से धोखा खायी चुनमुन अब एक दिन भी पति व बच्चों के बिना नहीं रहना चाहती. उसे क्या मालूम कि प्रेमी ने जो अपने बारे में बता रहा है, वह सब एक सब्जबाग है. पता तब चला जब प्रेमी ने अपना असली रूप दिखाया. खुद शराब पीने के साथ चुनमुन को […]

सीतामढ़ी : बेवफा प्रेमी से धोखा खायी चुनमुन अब एक दिन भी पति व बच्चों के बिना नहीं रहना चाहती. उसे क्या मालूम कि प्रेमी ने जो अपने बारे में बता रहा है, वह सब एक सब्जबाग है. पता तब चला जब प्रेमी ने अपना असली रूप दिखाया.
खुद शराब पीने के साथ चुनमुन को भी जबरन शराब पिलाया और उसकी लीला समाप्त करने के लिए उसे नदी में फेंक दिया. बैरगनिया पुलिस ने बागमती नदी के बेगाहीं घाट के समीप से बेहोशी की हालत में 25 वर्षीया चुनमुन को बरामद कर महिला अल्पावास गृह, डुमरा के हवाले कर दिया.
ओमेक्स कंपनी में करती थी काम
कहा जाता है कि माता कभी कुमाता नहीं हो सकती, लेकिन इस बात को चुनमुन ने झुठला दिया है. प्रेमी की मीठी-मीठी बातों में आकर उसने अपने पति ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ भी धोखा किया और प्रेमी के संग भाग आयी. वैसे अब वह पश्चाताप कर रही है. मंगलवार को चुनमुन ने प्रभात खबर को बताया कि वह मथुरा वृंदावन स्थित ओमेक्स कंस्ट्रक्शन कंपनी में स्वीपर का काम करती थी. वहीं पर करीब तीन माह पूर्व उसकी मुलाकात कंपनी में कार्यरत पेंटर शिवशंकर से हुई जो अपने को बैरगनिया का निवासी बताया.
चुनमुन तीन बच्चे की मां है. उसका पति मोनू किसी दूसरे कंपनी में काम करता है. वह प्रतिदिन अपने घर से कंपनी में काम करने आती थी. वह धीरे-धीरे शिवशंकर के मीठी-मीठी बातों में आने लगी और नजदीकी बढ़ गयी. एक दिन शिवशंकर ने उससे बताया कि वह सुखी-संपन्न परिवार का लड़का है और उससे शादी कर अपने घर ले जाना चाहता है. चुनमुन इनकार नहीं कर पायी और करीब एक सप्ताह पूर्व वह अपना घर-द्वार, पति व बच्चे तक को छोड़ कर शिवशंकर के साथ भाग आयी. बताया कि अगर उसे यह अंदाज होता कि उसका प्रेमी इतना बड़ा बेवफा होगा तो वह कभी अपना घर छोड़ कर उसके साथ नहीं आती.
चार दिन बसबरिया में रखा
चुनमुन ने बताया कि मथुरा से आने के बाद सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन से उत्तर बसबरिया में शिवशंकर ने एक फुस के घर में उसे चार दिनों तक रखा. जब वह उसे घर ले चलने की जिद करने लगी तो रविवार की रात करीब नौ बजे एक बाइक पर उसे बैरगनिया ले गया. इससे पूर्व रास्ते में शिवशंकर दो बोतल शराब खरीद कर गाड़ी के डिक्की में रख लिया. करीब 10 बजे रात को बागमती नदी के एक पुल पर बैठ कर मीठी-मीठी बातें करने लगा. फिर गाड़ी की डिक्की से शराब की बोतलें निकाला और उसे भी पीने को कहा. मना करने पर शिवशंकर कभी प्रेम से तो कभी डपट कर बातें करने लगा. रात के करीब 10 बजे सुनसान सड़क पर शिवशंकर के डर से थोड़ी सी शराब पी. उसे अधिक पीने का जोर दिया जाने लगा.
सिर पर फोड़ा बोतल
इनकार करने पर उसके सिर पर शराब का एक बोतल फोड़ दिया,जिससे उसके सिर व चेहरे पर जख्म आ गया. शिवशंकर का ऐसा रूप कभी नहीं देखा था. वह पागल की तरह करने लगा.
कहने लगा कि और शराब पीओ नहीं तो नदी में फेंक देंगे. वह नहीं जानती थी कि वह उसे मारना चाहता है. डर से उसने और शराब पी. उसके बाद शिवशंकर ने आखिरकार उसे नदी में फेंक दिया. तब उसे समझ में आया कि वह उसे अब जान से मार देना चाहता था.
पति उसे अपना लेंगे
चुनमुन ने बताया कि वैसे तो उसने अपने पति के साथ विश्वासघात की है, पर उसे पूरा विश्वास है कि उसके पति उसे अपना लेंगे. कुछ बातों को याद कर फूट-फूट कर रोते हुए चुनमुन ने कहा कि वह अपने बच्चे के साथ रहना चाहती है. उसे यह उम्मीद नहीं थी कि शिवशंकर जैसा प्रेमी किसी महिला को उसके पति व बच्चे से दूर कर उसका शोषण करेगा और फिर बाद में उसे जान से मार देगा.
रातभर नदी में रही
चुनमुन ने बताया कि जहां उसे पुल से नदी में फेंका गया था, वहां कमर तक पानी था. चारों ओर जंगल-झाड़ दिख रहा था. वह काफी नशे में थी. आधी रात के बाद जब होश आया तो देखा कि वह पानी में है. पानी से निकलने की कोशिश की, पर नहीं निकल सकी. सुबह होने पर कुछ लोगों ने उसे देखा और पुलिस को खबर किया. पुलिस उसे इलाज के लिए पीएचसी में ले गया और फिर वहां से उसे अल्पावास गृह पहुंचा दिया गया.
परिजनों को दी गयी है सूचना
अल्पावास गृह के प्रशिक्षण सह पुनर्वास पदाधिकारी सुश्री शकुंतला कुमारी ने बताया चुनमुन जब यहां आयी तो उसकी हालत काफी खराब थी. डुमरा पीएचसी में उसका इलाज कराया गया. अब करीब-करीब ठीक है. बताया कि बैरगनिया पुलिस के माध्यम से चुनमुन के परिजनों को सूचना दी गयी है. एक-दो दिन मे उसके परिजन यहां से ले जायेंगे.
सीतामढ़ी : वित्तरहित क्रांति मोरचा की बैठक नगर के राम पदार्थ नगर स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल परिसर में प्रो वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई. इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वित्तरहित कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक शिष्टमंडल जुलाई माह में मुख्यमंत्री से मिल कर ज्ञापन सौंपेगा. मांगे पूरी नहीं होने तक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आंदोलन चलता रहेगा. वहीं विधानमंडल सत्र चलने की तिथि से अवसान तक पटना में वित्तरहित क्रांति मोरचा द्वारा धरना दिया जायेगा. इसके लिए तैयारी समिति का गठन किया गया.
वित्तरहित सभी माध्यमिक विद्यालयों, इंटर महाविद्यालयों एवं डिग्री महाविद्यालय में संपर्क करने के लिए एक समिति गठित की गयी. बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी विधानसभा सत्र तक वित्तरहितों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो मोरचा न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगी. मौके पर प्रो(डॉ) बेबी नम्रता, प्रो जितेंद्र सिंह, प्रो फणींद्र कुमार चौधरी, प्रो नरेंद्र कुमार, प्रो शाह आलम, प्रो दिलीप कुमार सिंह, प्रो पुरुषोत्तम पांडेय सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.

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