आक्रोश. मुरारपुर गांव ढाढ़ी टोले की महिलाओं में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा
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बेगुनाह लोगों को नहीं मिले सजा
आक्रोश. मुरारपुर गांव ढाढ़ी टोले की महिलाओं में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा शराब के धंधे से तौबा कर चुके मुरार ढ़ाढ़ी टोले के लोगों ने उठायी आवाज शेखपुरा : सूबे में शराबबंदी को लेकर चलाये जा रहे प्रशासनिक अभियान का मुरारपुर गांव ढ़ाढ़ी टोले की महिलाएं पहली बार मीडिया के सामने जम कर अपनी भड़ास […]
शराब के धंधे से तौबा कर चुके मुरार ढ़ाढ़ी टोले के लोगों ने उठायी आवाज
शेखपुरा : सूबे में शराबबंदी को लेकर चलाये जा रहे प्रशासनिक अभियान का मुरारपुर गांव ढ़ाढ़ी टोले की महिलाएं पहली बार मीडिया के सामने जम कर अपनी भड़ास निकाली. महिलाओं ने कहा कि टोले के अधिकांश परिवारों ने शराब के धंधे से तौबा कर सरकार के फैसले का सम्मान किया है, लेकिन शराब से तौबा कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की कोशिश करने वाले को झूठे मुकदमे में फंसा कर जमानत के नाम पर रुपये एठने के कारनामे को कोरमा पुलिस अंजाम दे रही है. हाल के दिनों में भी 15 लीटर शराब के नाम पर गांव के पांच बेगुनाहों को घसीटा गया.
पुलिस के इस कारनामे से गांव के अधिकांश मर्द गांव छोड़ कर फरार रहने को विवश हैं. शराब का कारोबार छोड़ कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के इस मुहिम को लेकर गांव की श्रद्धा देवी, फूलो देवी, कैलाश देवी, कारू राम ने कहा कि अगर पुलिस निर्दोष लोगों को यूं ही फांसती रही, तब शराब के कारोबार में दोबार आकर ही गुनाह गार मुनासिब होगा. ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन के इस रवैये से शराबबंदी संभव नहीं है. ग्रामीणों ने सामूहिक जुर्माना की कार्रवाई के बजाय दोषियों पर ही सख्ती की मांग की है.
छापेमारी की हो वीडियोग्राफी :
शराब के धंधे से मुक्ति के समाज की मुख्य धारा में जुड़ना चाह रहे ग्रामीणो ंने कहा कि चाहे वह दोषी हो अथवा नहीं, पुलिस की छापेमारी की कार्रवाई में पारदर्शिता के लिए वीडियोग्राफी होनी चाहिए ताकि किसी पक्ष से आरोप-प्रत्यारोप का कोई मौका न मिले. इसके साथ ही पुराने मुकदमे के सामूहिक निबटारे की प्रशासनिक पहलकदमी भी की जाये.
सामूहिक जुर्माने की निंदा :
उत्पाद विभाग ने मुरारपुर गांव के ढ़ाढ़ी टोले को सामूहिक जुर्माना को लेकर जिलाधिकारी के यहां जो प्रस्ताव भेजा है, ग्रामीणों ने इसकी निंदा की है. ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस और उत्पाद विभाग जिस रूप में शराब कारोबार को ले रही है अब वह स्थिति नहीं रही है. चंद लोग धंधे में लिप्त हैं.
लेकिन अधिकांश लोग मुक्ति चाहते हैं. ऐसे में यह कार्रवाई उचित नहीं है.
हरेक घर के लोगों पर दस-दस मुकदमे :
सूबे में शराबबंदी को लेकर कई दशक पुराने धंधे को त्याग समाज की मुख्य धारा से जुड़ने को व्याकुल ढ़ाढ़ी टोला के लोगों का अपना ही रोना है. लोग कहते हैं कि पुस्त दर पुस्त इस धंधे में पहले ही हर घर के लोगों पर दस-दस मुकदमे हैं. इस धंधे के वर्चस्व में हत्या भी हुए.
गांव के कारू राम कहते हैं कि कई माह पहले इस धंधे को लेकर तिलांजलि दे दी. एक ट्रैक्टर खरीद कर अपना जीवन सुख से गुजारना चाहते हैं. लेकिन कोरमा पुलिस ने शराब के झूठे मुकदमे में फंसा दिया है. ऐसे में अब ट्रैक्टर चलवाने के बजाय पुलिस से छुप कर भागने को विवश है. परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति बन गयी है.
विधायक का है गांव
पिछले कई दशकों से जिस गांव में अवैध शराब निर्माण का बजाप्ता उद्योग चलता रहा. वह गांव जदयू विधायक रणधीर कुमार सोनी का है. स्थानीय मुद्दो को लेकर सकारात्मक और नकारात्मक किसी भी दिशा में कोई भागीदारी नहीं रही, लेकिन इस गांव के आम लोग शराब के धंधेबाजों से लंबे समय तक दहशत में रहे, लेकिन अब यहां तसवीर बदलती दिख रही है.
कार्रवाई सराहनीय
”गांव के ढ़ाढ़ी टोले में शराब बनाने का कारोबार आज भी चल रहा है. शराबबंदी को लेकर जिला प्रशासन की कार्रवाई सराहनीय है. इसको लेकर सामूहिम जुर्माना की कार्रवाई आरोपियों के विरुद्ध होनी चाहिए. उसी टोले में रह रहे निर्दोष लोगों को कार्रवाई से मुक्त रखना चाहिए.”
रणधीर कुमार सोनी, जदयू विधायक, शेखपुरा
”सामूहिक जुर्माना की कार्रवाई को लेकर कानून संगत प्रक्रिया के तहत जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन इस दिशा में फिलहाल कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है.”
विकेश कुमार, उत्पाद अधीक्षक, शेखपुरा
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