बाढ़ का असर. सुरगाही मध्य विद्यालय में फैला बागमती का पानी
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स्कूल में घुसा बाढ़ का पानी, पढ़ाई ठप
बाढ़ का असर. सुरगाही मध्य विद्यालय में फैला बागमती का पानी पानी बढ़ने से खोला गया है स्लूइस का गेट स्कूल पहुंचे बच्चे वापस लौटे शिवहर/तरियानी : जिले के सुरगाही मध्य विद्यालय एवं सुरगाही उर्दू मध्य विद्यालय परिसर में बागमती नदी का पानी फैल गया है. जिससे विद्यालय में पठन पाठन बंद हो गया है. […]
पानी बढ़ने से खोला गया है स्लूइस का गेट
स्कूल पहुंचे बच्चे वापस लौटे
शिवहर/तरियानी : जिले के सुरगाही मध्य विद्यालय एवं सुरगाही उर्दू मध्य विद्यालय परिसर में बागमती नदी का पानी फैल गया है. जिससे विद्यालय में पठन पाठन बंद हो गया है.
उक्त दोनों विद्यालय में जब छात्र व शिक्षक विद्यालय परिसर में पहुंचे तो विद्यालय परिसर में बागमती नदी का पानी फैला देख हैरान रह गये. बाढ़ को लेकर शिक्षकों ने विद्यालय बंद करने की घोषणा कर दी. जिससे विद्यालय का पठन पाठन बंद हो गया. कुछ छात्र जो विद्यालय पहुंच चुके थे. वे घर लौट गये.
मध्य विद्यालय सुरगाही के प्राचार्य चौहान कृष्णा वेणीपूरी ने बताया कि जब वे विद्यालय में पहुंची, तो परिसर में पानी फैला देख चिंतित हो गयी. कहा कि विभाग को सूचना देने के बाद विद्यालय को बंद कर दिया है. बच्चों के सुरक्षा को लेकर ऐसा निर्णय लिया गया है. विद्यालय में 12 शिक्षक मौजूद थे. जबकि उर्दू मध्य विद्यालय में ताला लटका पाया गया.
इस बाबत बागमती विशेष प्रमंडल के कनीय अभियंता भूपेंद्र कुमार ने बताया कि नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कोपगढ़ में कटाव हो रहा था. जिसके कारण सुरगाही स्लूइस गेट को खोला गया है. जिसका पानी सुरगाही सरेह व मध्य विद्यालय में फैल गया है. कहा कि बागमती नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि व बांध पर बढ़ते दबाव, कोपगढ़ गांव के पास जारी कटाव से उक्त निर्णय लिया गया है.
इधर ग्रामीण स्लूइस गेट खोले जाने से चिंतित है. ग्रामीणों की मानें तो विभाग ने सूचना दिये बिना स्लूइस गेट को खोल दिया है. जिससे उन किसानों में रोष देखा गया. जिन्होंने धान के फसल लगा दिया था. उनको धान की फसल नष्ट होने की चिंता सता रही है. किंतु जिन्होंने धान का बिचड़ा खेतों में नहीं लगाया था. उनमें खुशी देखी गयी. जल द्वार पर मौजूद चौकीदार हंस लाल ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि के कारण विभाग के निर्देश से स्लूइस गेट को खोला गया है.
विभागीय सूत्रों की मानें तो बागमती नदी का जलस्तर डुब्बा घाट पर खतरे के निशान से उपर बह रहा है. सुबह छह बजे नदी का जल स्तर 62.08 सेंटीमीटर था. जबकि नौ बजे नदी का जलस्तर 62.03 सेंटीमीटर पर पहुंच गया था. बागमती नदी के जलस्तर में गिरावट जारी था. 12 बजे नदी का जलस्तर 61.98 सेंटीमीटर था, जबकि तीन बजे नदी का जलस्तर 61.90 तक पहुंच गया. तीन बजे के रिपोर्ट के अनुसार नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 00. 62 सेंटीमीटर उपर बह रहा था. उधर रेनकट बांध के उपर भी देखा जा रहा है. जिसके मरम्मती की जरूरत महसूस की जाने लगी है.
रातो के पानी से आवागमन प्रभावित: चोरौत . चोरौत-भिठ्ठामोड़ पथ में डुमरवाना के समीप वर्षों से क्षतिग्रस्त पुल के डायवर्सन में रातो नदी का पानी भर गया है. फलत: शुक्रवार से ही आवागमन प्रभावित है. यह सड़क चोरौत व सुरसंड के आलावा पड़ोसी देश के नेपाल के लोगों का लाइफ-लाइन सड़क है. गत वर्ष भी डायवर्सन में पानी भर गया था. उस दौरान तात्कालीन प्रमुख संजय कुमार ठाकुर ने पहल कर विभागीय संवेदक से ईंट का टुकड़ा गिरवाकर डायवर्सन को चालू करवाया था. प्रमुख पशुपति कुमार ने सीओ, बीडीओ व डीएम को पत्र भेज पानी भरे डायवर्सन की ओर उनका ध्यान आकृष्ठ कराया है.
किसानों की मांग पर खोला गया स्लूइस गेट:तरियानी. बागमती विशेष प्रमंडल के सहायक अभियंता शंभू प्रसाद ने कहा कि किसानों के मांग पर सुरगाही स्लूइस गेट को खोला गया है. कहा कि किसान विजय पासवान, मनोज पासवान, राजीव चौधरी व श्याम सुंदर चौधरी समेत अन्य कई किसानों ने स्लूइस गेट खोलने की मांग खेती को लेकर की थी. जिसके कारण स्लूइस गेट खोला गया है. संभव है कुछ किसानों को आंशिक क्षति हुई हो. किंतु अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा.
हालांकि कनीय अभियंता भूपेंद्र प्रसाद ने स्लूइस गेट खोलने का कारण कोपगढ़ में कटाव व नदी के जलस्तर में वृद्धि बताया था. परस्पर एक दूसरे के विरोधी बयान विभागीय कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है.
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