छपरा (सदर) : भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सारण जिले में 15 वर्ष पूर्व बंद हुए दी छपरा ड्रिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के बदले किसानों के हित के मद्देनजर दी सारण सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के नाम से नये बैंक खोलने के लिए पंजीयन की अनुमति दे दी है. साथ ही निर्धारित शुल्क तीन करोड़ रुपये जमा करने तथा पैक्स व व्यापार मंडलों में से एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष समेत 14 सदस्यीय बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया है. जिस पर बिहार सरकार ने दो करोड़ रुपये देने तथा एक करोड़ रुपये जिले के सभी 323 पैक्स तथा 20 व्यापार मंडलों के माध्यम से शेयर के रूप में जमा करने की व्यवस्था की है. जो काम अंतिम दौर पर है.
परंतु, बोर्ड के गठन के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्पष्ट निर्देश है तथा विभागीय प्रावधान भी है कि किसी भी स्थिति में कोऑपरेटिव का बकाया रखने वाले पैक्स या व्यापार मंडल के अध्यक्ष को इस 14 सदस्यीय बोर्ड में किसी भी स्थिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या कार्यकारिणी सदस्य शामिल नहीं करना है. परंतु, इस पूरे मामले में जिले के कई सहकारिता विभाग के डिफाल्टर अध्यक्ष भी अपने को इन सभी 14 पदों में से महत्वपूर्ण पदों को अपने नाम करने के लिए राजनीति आकाओं का आशीर्वाद पाने के लिए हर कोशिश कर रहे है. वहीं ऐसे सदस्यों की कारगुजारियों को लेकर विरोधी पैक्स या व्यापार मंडल अध्यक्ष भी मौके की तलाश में है. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ पैक्स अध्यक्षों ने बताया कि यदि सहकारिता विभाग का लाखों बकाया रखने वाले दागी इस 14 सदस्यीय बोर्ड में कोई भी पद प्राप्त करते है तो वह पूरी तरह नियम के विरुद्ध होगा तथा ऐसी स्थिति में लंबे इंतजार के बाद किसानों के हित में शुरू किये जाने वाले सहकारी बैंक के सपने को पंख लगने में बाधा उत्पन्न होगी.