21 जनवरी से बंद है पट्टी पुल से बड़े वाहनों का परिचालन
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मरम्मत की आस में पट्टी पुल, बड़े वाहनों पर रोक
21 जनवरी से बंद है पट्टी पुल से बड़े वाहनों का परिचालन दिघवारा : छपरा हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर दिघवारा व शीतलपुर के मध्य मही नदी पर अवस्थित पट्टी पुल पर बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगने के बाद से आम लोग परेशानियों के बीच जी रहे हैं और ढाई महीने के […]
दिघवारा : छपरा हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर दिघवारा व शीतलपुर के मध्य मही नदी पर अवस्थित पट्टी पुल पर बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगने के बाद से आम लोग परेशानियों के बीच जी रहे हैं और ढाई महीने के ज्यादा समय के बाद भी मधुकॉन कंपनी द्वारा जर्जर पट्टी पुल की मरम्मती का कार्य शुरू न होने से लोगों में गहरी नाराजगी है तथा लोग आंदोलन का मूड बना रहे हैं. बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगने से आम लोगों का जीवन थम सा गया है और दैनिक यात्रियों के अलावा दिघवारा के सैकड़ों दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ी है. मगर इन लोगों की तकलीफों को कोई सुनने वाला नहीं है.
एक तरफ जहां यात्रियों को छपरा, हाजीपुर व पटना जाने के लिए छोटे वाहनों के अलावा ट्रेनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, वहीं व्यापारियों का सामान पिछले ढाई महीने से बड़े वाहनों से नहीं आ पाने के कारण बाजार में कई आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो गयी है. ग्राहकों को सीमित सामान का ही उपयोग करना पड़ रहा है. दुकानदारों का सामान बड़े वाहनों से शीतलपुर बाजार तक आता है, जहां से वे लोग उन सामान को छोटे वाहनों पर लोड करवाकर अपनी दुकानों तक लाते हैं.
ऐसे में वस्तु पर लागत ज्यादा होती है.
और ग्राहकों को सामान की खरीद में रेट हाई होने के कारण ज्यादे जेब ढीले करने पड़ रहे हैं.
छोटे वाहन व ट्रेन पर बढ़ी है निर्भरता
जब से पट्टी पुल से बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगी है तब से दैनिक व आम यात्रियों की परेशानियां काफी बढ़ गयी है. दिघवारा, दरियापुर व गड़खा प्रखंड क्षेत्र के लोगों को हाजीपुर, पटना या छपरा जाने के लिए टेंपो, कमांडर या मैजिक वाहनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. यात्रियों को बड़े वाहनों से हाजीपुर या पटना जाने के लिए पहले छोटे वाहनों से शीतलपुर जाना पड़ता है, तब जाकर वे लोग वहां से बसों के सहारे अपने गंतव्यों तक पहुंच पाते हैं. देर रात्रि में इन जगहों से लौटने के वक्त यात्रियों को बसों को शीतलपुर में ही छोड़ देना पड़ता है, जिससे परेशानी बढ़ जाती है क्योंकि रात में शीतलपुर से दिघवारा आने के लिए छोटी गाड़ियां नहीं मिल पाती हैं.
छोटे वाहनों के अलावा यात्रियों की ट्रेनों पर भी निर्भरता बढ़ी है, यहीं कारण है कि छपरा सोनपुर रेलमार्ग पर चलने वाली ट्रेनों में हर दिन भीड़ देखने को मिलती है. बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक के बाद से दिघवारा बाजार पर बड़ी गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं, पटना की प्रसिद्ध मंडियों के सामान को सैकड़ों दुकानदार दिघवारा स्थित अपनी दुकानों तक नहीं मंगवा पाते हैं, जिससे कई जरूरी सामान की किल्लत हो गयी है और ग्राहकों को सीमित विकल्पों से ही कार्य चलाना पड़ रहा है. दुकानदार छपरा की मंडियों से ही सामानों को मंगवाने के लिए विवश हैं जिससे उनलोगों को काफी कम फायदा होता है और जरुरी सामानों को खरीदने में ग्राहकों को ज्यादा जेब ढीला पड़ता है.
दूध व ब्रेड जैसी जरुरी सामानों की गाड़ियां शीतलपुर में ही सामान को अनलोड कर देते हैं. बाद में दुकानदारों को छोटे वाहनों को लेकर शीतलपुर जाना पड़ता है, तब जाकर दुग्ध उत्पादों को दिघवारा लाया जाता है. ऐसे भी ग्राहकों को कुछ ज्यादा जेब ढीला करना पड़ता है.
सब्जी आढ़तों तक नहीं पहुंच रहे हैं खरीदार
घवारा ढाला के पास लगभग एक दर्जन सब्जी आढ़त अवस्थित हैं जहां से सीजन में सब्जियों को खरीदकर दूसरे जिले के खरीदार अपने जिलों तक ले जाते हैं, मगर बड़े वाहनों के परिचालन की रोक के कारण आढ़तों तक बड़ी गाड़ियां नहीं पहुंच पा रही है जिससे आढ़त संचालकों की भी मुसीबतें बढ़ी है. किसानों को भी दूसरे जिले का खरीदार नहीं मिलने से औने-पौने दाम पर अपने उत्पादों को बेचना पड़ रहा है. दिघवारा से सब्जियों को वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर व पटना आदि जिलों तक भेजने का काम भी बंद है.
बड़े वाहनों की रोक के बाद से नौकरी पेशा लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है और उनलोगों को हर दिन ड्यूटी पहुंचने में विलंब हो रहा है. प्रखंड, अंचल, अस्पताल, बैंक, स्कूल, कॉलेज आदि जगहों पर कार्य करने वाले कर्मियों को हर दिन आने जाने में काफी परेशानी होती है. पुरुष कर्मी तो किसी तरह अपने कार्यालय तक पहुंच जाते हैं, मगर महिला सरकारी कर्मियों की परेशानी ज्यादा बढ़ गयी है. ड्यूटी कर अपने ठिकाने तक वापस पहुंचने में सभी कर्मियों को काफी परेशानी होती है.
कई कर्मी तो देर रात तक अपने डेरा लौटते हैं और सुबह फिर ड्यूटी आने की तैयारी में जुट जाते हैं.इसके अलावे कई निजी स्कूलों की बड़ी गाड़ियां दिघवारा शीतलपुर के मध्य नहीं चल रही है जिस कारण छोटे वाहनों पर ही स्कूली बच्चों को ढोया जा रहा है जिससे स्कूली बच्चों की भी परेशानियां बढ़ गयी है.
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