दुखद. पानापुर के तुर्की गांव के चंवर में वृद्ध की हत्या के बाद फूटा गुस्सा
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आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम की सड़क
दुखद. पानापुर के तुर्की गांव के चंवर में वृद्ध की हत्या के बाद फूटा गुस्सा पानापुर : थाना क्षेत्र के तुर्की गांव के चंवर में सोमवार की रात अज्ञात अपराधियों ने गला रेतकर एक अधेड़ व्यक्ति की हत्या कर दी. मृतक रामपुर खरौनी निवासी 60 वर्षीय श्यामबहादुर सिंह बताये जाते हैं. हत्या के विरोध में […]
पानापुर : थाना क्षेत्र के तुर्की गांव के चंवर में सोमवार की रात अज्ञात अपराधियों ने गला रेतकर एक अधेड़ व्यक्ति की हत्या कर दी. मृतक रामपुर खरौनी निवासी 60 वर्षीय श्यामबहादुर सिंह बताये जाते हैं. हत्या के विरोध में लोगों ने पानापुर बाजार में टायर जलाकर जाम लगा दिया . श्यामबहादुर सिंह की हत्या की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैल गयी और देखते ही देखते वहां हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सूचना पाकर थानाध्यक्ष सुजीत दास घटनास्थल पर पहुंचे.
लेकिन आक्रोशित ग्रामीण एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े थे. बाद में एएसपी ने खोजी कुत्ते को भी बुलाया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. खोजी कुत्ता घटनास्थल से जरा भी टस से मस नहीं हुआ. इस बीच जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे एवं पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने मौके पर ही सारण एसपी से मोबाइल पर घटना की जानकारी दी एवं मामले की अपने स्तर से जांच करने की बात कही. एसपी के जिले से बाहर होने एवं जनप्रतिनिधियों की पहल से ग्रामीण शव उठा देने को राजी हुए. पुलिस ने शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया.
श्याम बहादुर सिंह की हत्या से स्तब्ध है लोग : श्यामबहादुर सिंह की पहचान एक हंसमुख इंसान के रूप में थी. घोड़े की सवारी के शौकीन वे शादी बरात में घुड़सवारों की पूरी टीम के साथ शामिल होते थे. हत्या की खबर सुन जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह, प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद अकेला, बकवा मुखिया बिजेंद्र सिंह, महम्मदपुर मुखिया अनिल कुमार, बसहिया मुखिया अनिल कुमार सिंह, मुखिया प्रतिनिधि
परमेश्वर दयाल सिंह, बबलू सिंह, जिला पार्षद प्रतिनिधि अभिषेक कुमार सिंह, माले नेता सभापति राय, सहित कई जनप्रतिनिधि घटनास्थल पर शव उठाये जाने तक जमे रहे एवं सबने इस कांड की जमकर भर्त्सना की. मृतक के छोटे भाई की भी पूर्व में हो चुकी है हत्या: पानापुर. श्यामबहादुर सिंह की हत्या आखिर अपराधियों ने क्यों की, इस मामले में न तो परिजन कुछ बता रहे हैं और न पुलिस कुछ कहने की स्थिति में है. अपराधियों ने जिस रास्ते पर हत्या की है, उस नये रास्तों से अमूमन कम लोग ही गुजरते हैं.
मृतक के शव देखने से प्रतीत होता है कि कोई जान पहचान वाला व्यक्ति ही उन्हें उस जगह लेकर गया होगा और वहां पहले से मौजूद अन्य अपराधियों ने मिलकर उनकी हत्या कर दी होगी. मृतक के पैर का चप्पल जस का तस था एवं मृतक द्वारा विरोध का कोई लक्षण भी दिखाई नहीं दे रहा था. हालांकि मृतक के परिजनों द्वारा अबतक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है, जिससे पुलिस कुछ भी बताने से परहेज कर रही है.
मृतक के छोटे भाई की भी हो चुकी है हत्या: मृतक श्यामबहादुर सिंह के छोटे भाई वीरबहादुर सिंह उर्फ वीरा सिंह की भी पूर्व में हत्या हो चुकी है. चार अप्रैल, 2005 को अपराधियों ने दिनदहाड़े पानापुर बाजार में गोली मारकर वीरा सिंह की हत्या कर दी थी. स्थानीय थाने में दर्ज कांड संख्या 51/5 के इस मामले में श्याम बहादुर सिंह चश्मदीद गवाह थे.
उनकी हत्या से परिजन एक बार फिर दहशत के साये में हैं.
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