समस्तीपुर : अचानक मौसम में हुए बदलाव ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. सुबह के समय घने कोहरे के कारण बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. मंगलवार को बहुत ज्यादा कोहरे का असर दिखा. पचास मीटर भी विजिवलिटी नहीं थी. ठंड एवं कोहरे का सर्वाधिक असर स्कूली बच्चों पर पड़ रहा है. शहर के कई ऐसे स्कूल हैं,
जो छोटे बच्चों की कक्षाएं सात बजे से संचालित करते हैं. ऐसे में बच्चों को पांच बजे से ही उठकर ही स्कूल जाने के लिए तैयार होना पड़ता है. न चाहते हुए भी अभिभावक इतनी ठंड में सुबह में बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं. मंगलवार को भी कई जगहों पर सुबह पौने छह बजे बच्चों को बस का इंतजार करते हुए देखा गया. ये बच्चे ठंड से ठिठुर रहे थे. घना कोहरा भी लगा हुआ था.
बावजूद अभिभावक बच्चों को बस तक छोड़ने के लिए पहुंचे हुए थे. बता दें कि शहर के कई ऐसे स्कूल हैं, जो सात बजे से कक्षाओं का संचालन शुरू कर देते हैं.
सुबह पांच बजे से ही बच्चों को जगह जगह से स्कूल बसों द्वारा ढोकर लाने का सिलसिला शुरू हो जाता है. ऐसे में ये बच्चे पांच बजे स्कूल जाने के लिये तैयार हो जाते हैं. इससे बहुत बड़ी परेशानी इन बच्चों को उठानी पड़ती है. बता दें कि ठंड को देखते हुए पटना, औरंगाबाद समेत अन्य जिलों के जिलाधिकारियों ने सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों का संचालन सुबह नौ बजे से करने का निर्देश दे दिया गया है. समस्तीपुर के जिलाधिकारी अवकाश पर हैं.
प्रभारी के रूप में उपविकास आयुक्त जिलाधिकारी का कार्य देख रहे हैं. उनके द्वारा इसको लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. कई लोगों ने जिला प्रशासन से बच्चों के हित में स्कूलों का संचालन सुबह नौ बजे के बाद कराने की मांग की है.
मौसम विभाग ने भी कहा, बढ़ेगी कनकनी : मौसम पूर्वानुमान में भी कहा गया है कि अगले कुछ दिनों तक ठंड में इजाफा होगा. न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना भी जतायी है. डाॅ राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम परामर्शी सेवा केंद्र ने जारी मौसम पूर्वानुमान में यह भी कहा है कि अगले कुछ दिनों तक पांच से सात किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलेगी. अभी पछिया हवा की गति तीन किलोमीटर प्रतिघंटा है.
ऐसे में पछिया हवा के कारण कनकनी में इजाफा होगा. हालांकि, दिन का तापमान 21 से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान मौसम विभाग ने जारी किया है. सुबह में कुहासा का प्रकोप रहने की भी संभावना जतायी है. मैदानी भागों की तुलना में तराई क्षेत्रों में कुहासा का ज्यादा असर दिखने को मिलेगा. हालांकि, बारिश की संभावना नहीं है.