चार दिन रहा नोटबंदी का असर, अब हो चली सामान्य स्थिति
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बीज दुकानों में उमड़ी भीड़, जमकर हुई खरीदारी
चार दिन रहा नोटबंदी का असर, अब हो चली सामान्य स्थिति समस्तीपुर : पांच सौ एवं एक हजार रुपये के नोट को बंद कर देेने के बाद बाजार में मंदी आ गयी. हर ट्रेड में यह मंदी देखी गयी. खेती बारी से जुड़े दुकानों में भी नोटबंदी के चार दिनों तक इसका असर रहा. हालांकि […]
समस्तीपुर : पांच सौ एवं एक हजार रुपये के नोट को बंद कर देेने के बाद बाजार में मंदी आ गयी. हर ट्रेड में यह मंदी देखी गयी. खेती बारी से जुड़े दुकानों में भी नोटबंदी के चार दिनों तक इसका असर रहा. हालांकि स्थिति अब सामान्य हो चली है. खेती का ताक चल रहा है. इस वजह से खाद बीज की दुकानों पर ज्यादा भीड़ देखी जा रही है. शहर के आर्यसमाज रोड, गोला रोड, ताजपुर रोड आदि में खाद एवं बीज की अधिकांश दुकानें हैं. इन दुकानों पर मंगलवार को भीड़ दिखी. किसान मक्का, गेहूं, मटर आदि के बीज खरीदते देखे गये. गुप्ता बीज भवन के संचालक सुरेश कुमार ने कहा कि नोटबंदी का असर उनके ट्रेड पर नही पड़ा रहा है.
पहले की तरह ही बीजों की बिक्री हो रही है. हां, इसमें एक दो किसान ऐसे हैं जो पांच एवं एक हजार के नोट लेकर आते हैं. उन्हें दिक्कतें हो रही है. सरकार ने रोक लगा रखी है कि इसलिये वह नोट हमलोग नहीं ले पा रहे हैं. बाग बगीचा के संचालक सुमन कुमार सिंह ने कहा कि नोटबंदी के चार दिनों तक बिक्री पर असर रहा. किसान काफी कम संख्या में बीजों की खरीदारी करने के लिये आये. जैसे ही बैंकों से नोट बदलने का काम शुरु हुआ और रुपये निकलने लगे वैसे ही बिक्री में भी तेजी आ गयी. उन्होंने कहा कि स्थिति अभी सामान्य है. किसान खाद बीज की खरीदारी कर रहे हैं.
किसानों ने कहा, हमें नहीं पड़ा कोई फर्क : पोखरैरा के किसान राम अशीष राय ने कहा कि हम लोगों को कोई परेशानी नही है. जो बड़ा आदमी है उसे दिक्कत हो रही है. साढे तीन कट्ठा में गेहंू लगाना है. उसके लिये बीज खरीदने के लिये आये इस किसान ने कहा कि एक हजार रुपये पुराना नोट था जिसे बैंक में जाकर बदल लिया. उसी पैसे से बीज खरीद रहे हैं. शिवाजीनगर के काजी डुमरा निवासी किसान अर्जून कुमार ने कहा कि पांच कट्ठा में मटर लगाना है. उसी के लिये बीज खरीदने के लिये आये हैं.टाईम पर पैसा नहीं निकल पाया इसलिये पांच दिन लेट से बीज खरीदने के लिये आये हैं. वैसे उन्हें नोटबंदी से कोई परेशानी नहीं है.
बैंक भी पैसा दे रहा है. शिवाजीनगर प्रखंड के ही धिवाही के किसान विमल कुमार ने कहा कि एक बीघा में मक्का की बुआई करनी है. खेत में ज्यादा नमी थी इसलिये थोड़ा विलंब हुआ. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण उनके खेती पर कोई असर नहीं पड़ा है. बैंक से सोमवार को पैसा निकाल लिया जिससे वे बीज खरीद रहे हैं. उजियारपुर प्रखंड के रामपुर एकशिला के किसान सुबोध कुमार कुंवर ने कहा कि डेढ बीघा में मक्का की बुआई करनी है. करीब पांच कट्ठा में बीज घट गया. जिसके लिये बीज खरीदने के लिये आये हैं. उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई. दो हजार रुपया पांच एवं एक हजार का नोट था. बैंक जाकर बदल लिया. जिससे बीज खरीदा हूं.
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