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साफ रहेगा आसमान, शुष्क रहेगा मौसम

मौसम पूर्वानुमान दो से सात किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी पछिया हवा समस्तीपुर : डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ग्रामीण कृषि सेवा की ओर से जारी मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले 19 नवंबर तक आसमान पूरी तरह साफ रहेंगे. इस दौरान मौसम शुष्क भी रहेगा. पूर्वानुमान अवधि […]

मौसम पूर्वानुमान दो से सात किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी पछिया हवा

समस्तीपुर : डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ग्रामीण कृषि सेवा की ओर से जारी मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले 19 नवंबर तक आसमान पूरी तरह साफ रहेंगे. इस दौरान मौसम शुष्क भी रहेगा. पूर्वानुमान अवधि में अधिकतम तापमान 27 से 29 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस बीच रहने का अनुमान भी जताया गया है. औसतन दो से सात किलोमीटर प्रति घंटा की गति से मुख्यत: पछिया हवा चलने की संभावना जतायी गयी है.

गेहूं की बुआई के लिए शुरू करें खेतों की तैयारी : किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि सप्ताह के अंत तक गेहूं की बुआई के लिए मौसम अनुकूल होने की संभावना है. इसलिए गेहूं की बुआई के लिए खेतों की तैयारी करते रहें. खेत की तैयारी के समय 150-200 क्विंटल कंपोस्ट का प्रयोग करें. सिंचित एवं समय पर बुआई के लिए पीबीडब्लू 343, पीबीडब्लू 443, एचडी 2733, एचडी 2967, एचडी 2824, के 9107, के 307, एचयूडब्लू 206 एवं एचयूडब्लू 468 किस्मों की व्यवस्था करें.

आलू रोप का चल रहा उपयुक्त समय : आलू रोप के लिए उपयुक्त समय चल रहा है. रोप के लिए आलू की कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी पुखराज, कुफरी बादशाह, कुफरी लालिमा, कुफरी ज्योति, कुफरी सिंदुरी, कुफरी आनंद, कुफरी पुष्कर, कुफरी अरुण, कुफरी गिरधारी, कुफरी सदाबहार, राजेंद्र आलू 1, राजेंद्र आलू 2 तथा राजेंद्र आलू तीन किस्मों की रोपाई करें. बीज दर 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखे. पंक्ति से पक्ति की दुरी 50-60 सेमी एवं बीज से बीज की दूरी 15-20 सेमी रखें. आलू को काट कर लगाने पर तीन स्वस्थ आंख वाले टुकड़े को उपचारित कर 24 घंटे के अंदर लगावें. बीज को एगलांल या एमीसान के 0़ 5 प्रतिशत घोल या डाइथेन एम 45 के दो प्रतिशत घोल में 10 मिनट तक उपचारित कर छाया में सुखाकर रोपनी करें. समूचा आलू (20-40 ग्राम) लगाना श्रेष्ठकर है.

खेत की जुताई में कम्पोस्ट 200-250 क्विंटल, 75 किलोग्राम नेत्रजन, 90 किलोग्राम फास्फोरस एवं 100 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से करें.

चना, मटर की बुआई का भी उपयुक्त समय

चना, मटर, मसूर एवं राजमा की बुआई करें. बुआई के पूर्व दलहनी फसलों के बीज उचित राजोबियम कल्चर से उपचारित करें. मौसम के अनुकूल रहने की संभावना को देखते हुए तैयार धान की कटनी तथा दौनी के कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर पूरा करने का प्रयास करें.

रबी मक्का की करें बुआई

रबी मक्का की बुआई करें. इसके लिए संकर किस्में शक्तिमान 1 सफेद, शक्तिमान 2 सफेद, शक्तिमान 3 पीला, शक्तिमान 4 पीला, शक्तिमान 5 पीला, गंगा 11 नारंगी पीला, राजेंद्र संकर मक्का 1, राजेंद्र संकर मक्का 2 एवं राजेंद्र संकर मक्का दीप ज्वाला तथा संकुल किस्में देवकी सफेद, लक्ष्मी सफेद एवं सुआन पीला इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित है. खेत की जुताई में 50 किलोग्राम नेत्रजन, 75 किलोग्राम फास्फोरस एवं 50 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें.

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