दलसिंहसराय. अंग्रेजी हुकूमत के बने फुट ओवर ब्रिज स्वतंत्रता के 65 वषोंर् बाद दम तोड़ चुका है़ फलस्वरुप सैकड़ांे यात्री इससे होकर दूसरे प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित पहुंचने के बदले जान हथेली पर लेकर गंदगियों वाले रेल पटरियों को फांदने पर मजबूर हैं़ बताया जाता है कि दर्जनों डाउन एक्सप्रेस व सवारी गाड़ी प्लेटफॉर्म संख्या दो पर ठहरती है. प्लेटफॉर्म एक पर अप गाडि़यों का आगमन होता है़ रेलवे स्टेशन आने जाने का एक ही मुख्य मार्ग है जिसका सीधा संपर्क प्लेटफॉर्म एक से है़ यानी डाउन ट्रेन के लिए आये यात्री को प्लेटफॉर्म एक से होकर फुट ओवर ब्रिज जाना पड़ता है जो दूसरे छोड़ पर अवस्थित है़ इतना ही नहीं इसके अति जर्जर होने से इस पर चलने का साहस स्वस्थ यात्री भी नहीं कर पाते़ ऐसे यात्री जान जोखिम में डाल रेलवे लाइन पर खड़ी गाडि़यों को फांदकर या फिर तीन तीन रेल लाइनों को पार कर प्लेटफॉर्म दो तक पहुंचते हैं़ ओवर ब्रिज पर पाटे गये लकड़ी के स्लेव पुराने हो गये हैं़ जगह जगह टीन की चादर इसके उपर रखकर इनमें आये दरार व गैप को ढक दिया गया है़ जिससे डर और गहराने लगा है़ बताया जाता है कि बछवाड़ा-समस्तीपुर रेल खंड का दलसिंहसराय रेलवे स्टेशन अतीत का गौरव ही नहीं रेल यात्रियों की बड़ी संख्या व रेलवे के बड़े आय वाला स्टेशन है़ नये फु ट ओवर ब्रिज की मांग को लेकर कई बार जनप्रिय संगठन की ओर से मांग की गयी है जो अब तक अधूरी है.
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जर्जर फुट ओवर ब्रिज से हादसे का डर
दलसिंहसराय. अंग्रेजी हुकूमत के बने फुट ओवर ब्रिज स्वतंत्रता के 65 वषोंर् बाद दम तोड़ चुका है़ फलस्वरुप सैकड़ांे यात्री इससे होकर दूसरे प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित पहुंचने के बदले जान हथेली पर लेकर गंदगियों वाले रेल पटरियों को फांदने पर मजबूर हैं़ बताया जाता है कि दर्जनों डाउन एक्सप्रेस व सवारी गाड़ी प्लेटफॉर्म संख्या दो […]
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