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थाने पर पथराव, आगजनी, फायरिंग में युवक की मौत

समस्तीपुर : समस्तीपुर के ताजपुर में ग्रामीण चिकित्सक (आरएमपी) डॉ जनार्दन ठाकुर की हत्या को लेकर शुक्रवार को लोगों के प्रदर्शन के दौरान फायरिंग हुई, जिसमें एक व्यक्ति जितेंद्र कुमार की मौत हो गयी़ जबकि एक अन्य युवक सूरज कुमार के हाथ में गोली लगी है. वहीं गुस्साये लोगों ने ताजपुर थाने में पथराव व […]

समस्तीपुर : समस्तीपुर के ताजपुर में ग्रामीण चिकित्सक (आरएमपी) डॉ जनार्दन ठाकुर की हत्या को लेकर शुक्रवार को लोगों के प्रदर्शन के दौरान फायरिंग हुई, जिसमें एक व्यक्ति जितेंद्र कुमार की मौत हो गयी़ जबकि एक अन्य युवक सूरज कुमार के हाथ में गोली लगी है. वहीं गुस्साये लोगों ने ताजपुर थाने में पथराव व तोड़फोड़ की और वहां खड़े आठ वाहनों को फूंक दिया है.

थाने पर पथराव…
इंस्पेक्टर ऑफिस को भी आग के हवाले कर दिया. साथ ही पुलिस अधिकारियों से मारपीट की गयी. इसमें एएसपी आमिर जावेद, सदर एसडीओ एके मंडल समेत दर्जन भर पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि दो दर्जन प्रदर्शनकारी भी जख्मी हुए हैं. ताजपुर थाना क्षेत्र में तनाव को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गयी है. आईजी समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं. मामले में माले नेता उपेंद्र राय को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
दीवाली से एक दिन पहले बुधवार की रात ग्रामीण चिकित्सक डॉ जनार्दन ठाकुर की उस समय गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी, जब वह क्लिनिक बंद कर घर लौट रहे थे. इसको लेकर ग्रामीणों ने उसी रात थाने पर धावा बोला था और वहां खड़े वज्रवाहन को फूंक दिया था. इसके बाद दीवाली को पूरे दिन शांति रही. ताजपुर बाजार खुला, लेकिन सोशल मीडिया पर ग्रामीण डॉक्टर की हत्या के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करके शुक्रवार को प्रदर्शन की बात लिखी जा रही थी.
इसको लेकर जिला पुलिस भी सतर्क थी. सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेज के मुताबिक शुक्रवार की सुबह ग्रामीण इकट्ठा हुए और एनएच-28 को गांधी चौक के पास जाम कर दिया. ग्रामीण घटना के 40 घंटे बीत जाने के बाद भी हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आक्रोश जता रहे थे. ये लोग ताजपुर बाजार को भी बंद करा रहे थे. इसी दौरान एक जत्था ताजपुर थाने के पास से गुजरा तो उसमें शामिल कुछ लोगों ने थाना परिसर में पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. थाने में बड़ी संख्या में पुलिस वाले पहले से मौजूद थे. उन्होंने लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया और यहीं से स्थिति बिगड़नी शुरू हो गयी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लाठीचार्ज से लोग आक्रोशित हो गये और थाने के अंदर घुस कर पथराव करने लगे.
थाने में मौजूद अधिकारियों के साथ मारपीट करने लगे. लोगों के आक्रोश को देख कर पुलिस के जवान थाने से भागने लगे. कुछ जवान थाने की छत पर चढ़ गये. इस बीच गुस्साये लोगों ने थाना परिसर में खड़े वाहनों को आग लगा दी. आरोप है कि वाहनों को जलता देख छत पर चढ़े पुलिस जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी. इससे भेरोखड़ा निवासी जितेंद्र कुमार को सीने में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. इसी दौरान मोतीपुर गांव के सूरज कुमार को भी गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया.थाने के सामने के मकान पर कई गोलियों के निशान हैं. फायरिंग से प्रदर्शन कर रहे लोग और उग्र हो गये.
इन लोगों ने थाने के पास ही इंस्पेक्टर कार्यालय में तोड़फोड़ की और वहां रखे कागजात को बाहर निकाल कर आग लगा दी. घटना की सूचना मिलने पर डीएम प्रणव कुमार, एसपी दीपक रंजन समेत जिले के आला अधिकारी ताजपुर पहुंच गये. कई थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची. पड़ोसी जिले वैशाली से एसएसबी व रैफ के जवानों की कंपनी को भी स्थिति को काबू में करने के लिए बुलाया गया है, लेकिन लोगों का आक्रोश नहीं थम रहा है. लोग पुलिस की कार्रवाई को लेकर आक्रोशित हैं. पुलिस अधिकारी एक जगह पर जाम हटवाते हैं, तो दूसरी तरफ लोग इकट्ठा होकर सड़क जाम कर दे रहे हैं.
दोपहर बाद मौके पर आइजी सुनील कुमार व डीआइजी विनोद कुमार भी पहुंचे. डीजीपी ने घटना की जानकारी ली. सुबह शुरू हुआ प्रदर्शन शाम के समय तक जारी था. प्रशासन की ओर से यातायात शुरू कराने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इस दौरान सड़क जाम कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले व लाठीचार्ज किया गया, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं दिख रहे थे. शाम पांच बजे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद यातायात शुरू हो सका. इससे एनएच-28 जाम होने की वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी. बड़े वाहन जाम में फंसे थे.
इधर, एसपी दीपक रंजन ने पुलिस फायरिंग से इनकार किया है. उनका कहना है कि प्रदर्शन में शामिल लोगों ने ही फायरिंग की है, जिसमें जितेंद्र की मौत हुई है. एसपी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बात साफ हो जायेगी. आइजी ने जनार्दन ठाकुर के परिजनों व ताजपुर के कुछ गणमान्य लोगों के साथ बैठक की, जिसमें स्थिति को सामान्य करने पर बात हुई. साथ ही आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन भी उनकी ओर से दिया गया.
ग्रामीण चिकित्सक डॉ जनार्दन ठाकुर की हत्या को लेकर पुलिस अभी तक खुलासा नहीं कर सकी है, लेकिन शुक्रवार को ग्रामीणों के बीच जिस बात को लेकर चर्चा हो रही थी, उसके मुताबिक उनका अच्छा व्यवहार ही मौत की वजह बना. वह इलाज करने के साथ दवाई का काम भी करते थ. जिस ग्रामीण के पास पैसे नहीं होते थे, उसका मुफ्त इलाज भी कर देते थे. इस वजह से उनकी इलाके में साख थी और गांव के लोग उन्हें काफी सम्मान देते थे.
भीड़ देख रुक गया था जितेंद्र
फायरिंग में मारे गये जितेंद्र प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था. वह मोबाइल सिम का कारोबार करता था. उसके भतीजे दिलीप कुमार ने बताया कि काम के सिलसिले में ही गांव से आये थे. इसी दौरान थाने में भीड़ देख कर वह रुक गये और उनके सीने में गोली लगी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.

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