डेहरी कार्यालय: नारी सशक्तीकरण का नारा देने वाली प्रदेश की सरकार में एक अधिकारी द्वारा एक नारी के साथ मारपीट व अभद्र व्यवहार किया जाये व उस नारी द्वारा उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराये जाने पर उसके ऊपर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं हो, इसे कैसा सशक्तीकरण कहेंगे. उक्त बातें नगर पर्षद की उप मुख्य पार्षद सुनीता देवी ने सोमवार को कहीं.
उन्होंने कहा कि नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) द्वारा मेरे व मेरे पति के साथ मारपीट करने व मुझसे अभद्र व्यवहार करने का मुकदमा 16 अगस्त, 2016 को महिला थाने में दर्ज कराये जाने के बाद आजतक उक्त अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई. उल्टे वह अधिकारी खुलेआम नगर पर्षद कार्यालय में धड़ाधड़ चेक काट कर खजाने को खाली करने में लगा है.
मुख्य पार्षद व मुझ पर झूठा मुकदमा करने की चाल चल कर हमारे अनुपस्थिति में घोटाले पर घोटाला उक्त अधिकारी द्वारा किया जा रहा है. उपमुख्य पार्षद ने कहा कि हम लोगों के नहीं रहने व नप बोर्ड की बगैर अनुमति के बैक डेट में सामग्री क्रय व अन्य विकास कार्यों के नाम पर अभी नप में लूट मची है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि आप पूरे मामले की जांच किसी स्वच्छ छवि के अधिकारी से करा कर दोषी व्यक्तियों को सजा दिला कर न्याय करें. उन्होंने कहा कि पहले के एनजीओ से लाखों रुपये अधिक नये एनजीओ को प्रतिमाह देकर डोर टू डोर योजना को पूर्णत: बंद करा आपस में पैसा बांटने का धंधा यहां चल रहा है. एनजीओ से नप द्वारा किये गये एग्रीमेंट की कॉपी न तो नेट पर लोड किया गया है और न ही हम पार्षदों द्वारा मांगे जाने पर उपलबध ही कराया जाता है. इसे क्या माना जाये. एनजीओ अपने एग्रीमेंट के अनुसार कोई कार्य कितना करता है वह जानने का हक शहर के सभी नागरिकों को है .