सोनवर्षा राज : एक हफ्ते से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश की वजह से तैयार मक्का की फसल को सुखाने में किसानों की जान सांसत में फंस गयी है. बारिश से मूंग के खेतों में पानी जमा होने लगा है. इससे दलहन की फसल को भी क्षति होने की अनुमान लगाया जा रहा है. मालूम हो कि क्षेत्र के आधे से अधिक सिंचित भूमि में किसानों द्वारा मक्के की खेती की जाती है. इस क्षेत्र में मक्के को गोल्डेन कार्प से नाम से भी जाना जाता है.
मक्के के दाने को तैयार करने के लिए तेज धूप की आवश्यकता होती है, लेकिन जून माह के आखिरी हफ्ते में हुई बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है. तैयार फसल या मक्के के भुट्टे में तिरपाल के अंदर ढ़ंके-ढ़ंके डिम्पी (अंकुर) निकल जाने की स्थिति आ गयी है.