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किराये पर ली दुकान, फिर घेर ली सड़क, अब जाम का कारण

आवागमन में लोगों को हो रही है परेशानी सहरसा सिटी : शहर के मुख्य बाजार में व्यापार करने के लिये किराये पर दुकान ली गयी है या सड़क. यह लोगों की समझ में नही आ रहा है. अपने व्यापार के लिये लोग छोटा सा कमरा लेकर सड़क पर ही अपना अधिपत्य जमा लेते हैं. बस […]

आवागमन में लोगों को हो रही है परेशानी

सहरसा सिटी : शहर के मुख्य बाजार में व्यापार करने के लिये किराये पर दुकान ली गयी है या सड़क. यह लोगों की समझ में नही आ रहा है. अपने व्यापार के लिये लोग छोटा सा कमरा लेकर सड़क पर ही अपना अधिपत्य जमा लेते हैं. बस कहने के लिये इन लोगों की बाजार में अपनी दुकान है, लेकिन जगह इतनी छोटी की, सड़कों को ही दुकान बना डाला है. सुबह से लेकर शाम तक सड़कों पर चलना परेशानी का सबब बन चुका है. अतिक्रमण की वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गयी. शहर के सभी मुख्य मार्गों पर फैले अतिक्रमण ने सही मायने में शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है.
दर्जनों लोगो को थमाया गया था नोटिस : सदर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह के हस्ताक्षरयुक्त नोटिस बाजार के दर्जनो अतिक्रमणकारियों को थमाया गया था. यातायात प्रभारी नागेंद्र राम ने बताया कि शंकर चौक, डीबी रोड, बंगाली बाजार, दहलान चौक, महावीर चौक सहित अन्य जगहों के दर्जनों लोगों को नोटिस देकर सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया गया था. प्रशासन का नोटिस मिलने की बात पर लोगों में आम चर्चा शुरू हो गयी कि कार्रवाई आगे बढ़ेगी या पुनर्मुषको भव वाली कहावत बन कर रह जायेगी. लोगों के बीच चर्चा सही साबित हुई,
प्रशासन के नोटिस के बाद भी शहर अतिक्रमण्मुक्त नहीं हो पाया. जिसके कारण शहर के प्रमुख सड़कों में खासकर डीबी रोड, दहलान चौक, शंकर चौक, चांदनी चौक, बड़ी दुर्गा स्थान रोड, मारुफगंज, गांधी पथ, बनगांव रोड, रिफ्यूजी चौक, बंगाली बाजार, पूरब बाजार, नगरपालिका चौक, कचहरी चौक की सड़कें अतिक्रमण की वजह से सिकुड़ती जा रही है. नतीजतन इन सड़कों पर गलियों की तरह गाडि़यों का परिचालन होता है.
एंबुलेंस को भी नहीं मिलती जगह : बाजार में दुकानदारों द्वारा फैलाये गये अतिक्रमण की वजह से आम लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है, वहीं गंभीर मरीजों को लेकर अस्पताल जाने वाली एंबुलेंस भी सड़क जाम में फंसे रहते हैं. इसके बावजूद दुकानदारों द्वारा संवेदनशीलता नहीं दिखायी जाती है. हालांकि जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों से लेकर सूबे के कद्दावर नेताओं के लिए वीआइपी रूट लगा पुलिस जवानों की तैनाती कर दी जाती है. इतना ही नही दुकान के आगे वाहन लगाने पर ये दुकानदार उलझने से भी बाज नही आते है.

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