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दमादम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर

दमादम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर उग्रतारा महोत्सव के पहले दिन राजस्थान के लोक कलाकारों ने बिखेरी सांस्कृतिक छटा बिहार के लोक नृत्य गीत ने दर्शकों पर छोड़ी अमिट छाप स्थानीय स्वरांजलि के कलाकारों के खूबसूरत गीत की प्रस्तुति से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध सहरसा सदर सोमवार से शुरू हुये तीन दिवसीय उग्रतारा सांस्कृतिक […]

दमादम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर उग्रतारा महोत्सव के पहले दिन राजस्थान के लोक कलाकारों ने बिखेरी सांस्कृतिक छटा बिहार के लोक नृत्य गीत ने दर्शकों पर छोड़ी अमिट छाप स्थानीय स्वरांजलि के कलाकारों के खूबसूरत गीत की प्रस्तुति से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध सहरसा सदर सोमवार से शुरू हुये तीन दिवसीय उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव के पहले दिन की सांस्कृतिक संध्या में बिहार के विविध लोक गीत व नृत्य की प्रस्तुति के साथ-साथ राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गीत व नृत्य की महफिल सजी. राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपने प्रदेश की लोक संस्कृति पर केंद्रित कई खूबसूरत गीत व नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को आनंदित किया. राजस्थान की प्रसिद्ध कालबेलिया लोक नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति ने कोसी की धरती पर अपनी लोक संस्कृति से रूबरू कराया. निंबुरा-निंबुरा प्रसिद्ध गीत को अपने लोक शैली अंदाज में राजस्थान के कलाकारों ने गीत व नृत्य से मौजूद दर्शकों को ठंडक भरी रात में भी भरपूर मनोरंजन किया. इन कलाकारों की प्रस्तुति को देख लोग बार-बार ताली बजाते रहे. प्रसिद्ध गीत दमादम मस्त कलंदर अली दा पहला नंबर गीत को जब राजस्थान के लोक कलाकारों ने मंच से गाना शुरू किया तो इस गीत के खूबसूरत अंदाज पर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग अपने आपको रोक नहीं सके. दर्शक भी उनके गीतों पर झूमने पर मजबूर हो उठे. राजदरबार से लेकर मुगलकालीन नृत्यों की हुई सराहना राजस्थान के लोक कलाकारों की प्रस्तुति के बाद पटना से पहुंचे निनाद सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों ने भी बिहार की लोक संस्कृति व लोक कलाओं को अपने प्रस्तुति के माध्यम से जीवंत कर दिया. प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना नीलम चौधरी व सुव्रता पंडित की संगीत संरचना से सजी पौराणिक काल की राजदरबार से लेकर मुगलकालीन दौर के कई खूबसूरत नृत्यों की टीम के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य की काफी सराहना हुई. शाहिद आलम, मानसी, संदीप, नेहा व प्राची द्वारा शाही व मुगलकालीन घराना के नृत्य की जब प्रस्तुति की जा रही थी तो दर्शक दीर्घा से तालियों द्वारा इन कलाकारों का हौसला आफजाई की जा रही थी. भगवती वंदना पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति के साथ-साथ बिहार के लोक नृत्य की भी निनाद के कलाकारों ने उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव के सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुत कर महोत्सव की सार्थकता को चार चांद लगाया. स्वरांजलि के कलाकारों ने भी दी जोरदार दस्तक उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव के सांस्कृतिक संध्या के पहले दिन राजस्थान व पटना के कलाकारों की प्रस्तुति के साथ-साथ स्थानीय स्वरांजलि के कलाकार भी कई खूबसूरत गीत नृत्य की प्रस्तुति से महोत्सव में जोरदार दस्तक देने में सफल रहे. प्रो गौतम सिंह, अमरेन्द्र मिश्र आगा, प्रो भारती सिंह व कृतिका गौतम के संयुक्त निर्देशन में स्वरांजलि के कलाकारों ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के बीच अपनी प्रस्तुति से कोसी व मिथिलांचल की लोक संस्कृति से मौजूद दर्शकों को रूबरू कराया. अमरेन्द्र कुमार मिश्र आगा द्वारा लागा चुंदरी में दाग मिटाऊं कैसे व भगवती वंदना से गायन की प्रस्तुति की शुरूआत को दर्शकों का भरपूर सहयोग मिला. कोसी क्षेत्र की उभरती गायिका कृतिका गौतम द्वारा सूफी संगीत छाप तिलक छीनी रे मोहे नैना मिला के गीतों की जब शुरूआत हुई तो दर्शक भी उनके गीतों पर तालियां बजाकर उनका साथ देते रहे. कृतिका द्वारा गाये गजल प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है को लोगों ने खूब पसंद किया. रिया दास, अंशिका आर्या, नमिता, डॉली, अदिति, रश्मि, अंशिका श्रेया, तन्नू, प्रज्ञा, शाहिना सरवर, आयुषी बनर्जी, खुशी, शिल्पी, साक्षी द्वारा समूह लोक नृत्य व मैथिली लोक नृत्यों की खूबसूरत प्रस्तुति ने महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या पर अमिट छाप छोड़ने में सफल रहे. स्वरांजलि के ही कलाकार मंजित द्वारा वडाली ब्रदर्स की सूफी गीतों की प्रस्तुति के साथ-साथ साक्षी द्वारा गाये गये फिल्मी गीत चिट्ठी ये को भी लोगों ने खूब पसंद किया. सांस्कृतिक संध्या को अपने संगीत से सजाने संवारने में सिंथेसाइजर पर ब्रजेश कुमार सिंह, आक्टोपैड पर विकास कुमार, नाल पर किशोर कुमार, तबला पर प्रो गौतम सिंह, हारमोनियम पर अमरेन्द्र मिश्र आगा ने संगीत की सूरमयी संध्या को अपनी उंगलियों की जादू से गुलजार बनाने में सफल रहे. सांस्कृतिक संध्या के मौके पर डीएम विनोद सिंह गुंजियाल, एसपी विनोद कुमार, डीडीसी दारोगा प्रसाद यादव, सदर एसडीओ मो जहांगीर आलम, ओएसडी अनिल पांडेय, वरीय उपसमाहर्ता जनार्दन कुमार, भीम प्रसाद, सुनील दत्त झा सहित काफी संख्या में महिषी क्षेत्र की जनता मौजूद थे. फोटो- महोत्सव 15, 16, 17 व 18 – महोत्सव में कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार व मौजूद दर्शक

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