कोसी: बाजार व सेहत के लिए फायदेमंद हैं अंडा का फंडा रोज चार लाख से भी ज्यादा अंडे की होती है खपतसहरसा सहित सुपौल व मधेपुरा में होती है खपतआंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ व पंजाब से होता है आयातस्थानीय स्तर पर भी लग सकता है अंडा फार्म कुमार आशीष, सहरसा नगरशाकाहारी व मांसाहारी दोनों ही श्रेणी में माने जाने वाले अंडा का जबरदस्त फंडा अगर आपको देखना है तो कोसी के सहरसा सहित सुपौल व मधेपुरा आना होगा, जहां अंडा फार्म नहीं होने के बावजूद शौकीन लोगों की तादाद कम नही है. जहां प्रत्येक दिन 15 लाख रुपये के अंडों की बिक्री शाम होते ही हो जाती है. खासकर सर्दियों के मौसम में शहर से लेकर गांव के चौराहों पर अंडे के स्टॉलों पर बच्चे व युवाओं की फौज खड़ी रहती है. जहां एक व्यक्ति कम से कम दस व अधिकतम 50 रुपये का भुगतान करता है. आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित पंजाब से मंगवाये जाने वाले अंडों पर ही प्रमंडल के सभी बाजारों की निर्भरता रहती है. वही स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक महकमे व बैंक व एनजीओ की उदासीनता की वजह से दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा लोगों को दोहरी कीमत अदा करनी पड़ती है.–बढ़ती ही जा रही खपतआमतौर पर गरमी के दिनों में दस से 12 ट्रक अंडा में कमिश्नरी के तीनों जिले में अंडा की मांग पूरी हो जाती थी, लेकिन नवंबर महीने के शुरुआत से ही अंडा की मांग बढ़ने लगती है. ज्ञात हो कि प्रमंडल के तीनों जिले में अंडा का थोक केेंद्र सहरसा को ही माना जाता है. जहां से स्थानीय सहित सुपौल व मधेपुरा जिले के सुदूर क्षेत्रों में रोजाना बड़े व छोटे कारोबारियों की मदद से अंडा की सप्लाइ की जाती है. —करोड़ों का है कारोबारमुख्य थोक विक्रेता मो सलाउद्दीन व अन्य बताते है कि तीनों जिले के व्यवसायियों द्वारा अंडों की खेप आने से पहले ही अग्रिम बुकिंग करा दी जाती है. व्यवसायियों के अनुसार आंध्रप्रदेश के वेस्ट गोदावरी जिले के टंकु से ही महीने में 15 ट्रक की आपूर्ति हो जाती है. इसके अलावा छत्तीसगढ़, पंजाब व कोलकाता से भी व्यवसायियों द्वारा अंडा मंगवाया जाता है. रोज एक ट्रक जिसमें 1150 अंडे का कार्टून होता है, यहां आता है. एक कार्टून में 210 अंडे होते हैं. इन लोगों ने बताया कि मधेपुरा जिले के कुछ क्षेत्रों में सहरसा से पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में कटिहार एवं सिलीगुड़ी से भी सप्लाइ दी जाती है.—खुल सकता है यहां भी फार्मउत्तरी बिहार की जलवायु भी अंडा फार्म के अनुकूल होती है, जहां गरमी से लेकर सर्दी तक के मौसम में होने वाले बदलाव का समय तय होता है. इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित मुर्गी पालन योजना सरजमीं पर नही उतर पायी है. व्यवसायियों ने बताया कि जिला प्रशासन, एनजीओ व बैंकों द्वारा सहयोगात्मक रवैया अपनाने के बाद ही स्थानीय स्तर पर अंडा उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है. मालूम हो कि आंध्रप्रदेश से प्रति ट्रक अंडा की आपूर्ति में 78 हजार रुपये का खर्च आता है, जिसकी वजह से खुदरा बाजार में लोगों को अंडा महंगा दरों पर मिलता है.–देसी की भी डिमांड फार्म वाले अंडों की भीड़ में देसी अंडा का जलवा अब भी कायम है. व्यवसायियों के अनुसार प्रतिदिन प्रमंडल के तीनों जिलों में 35 पेटी अंडा की बिक्री होती है, जो 1600 रुपये से 1800 पेटी तक में उपलब्ध है. मालूम हो कि देसी अंडों की आपूर्ति स्थानीय बाजार में कोलकाता के फार्म से की जाती है. इसके अलावा देशी अंडा की आपूर्ति स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों से भी की जाती है. देसी अंडों की डिमांड इतनी है कि बाजार में आते ही वह खत्म हो जाती है और देसी अंडे के शौकीन लोगों को फार्म वाला अंडा खाकर संतुष्ट होना पड़ता है. — कहते हैं डॉक्टर चिकित्सक डॉ एचआर मिश्रा बताते हैं कि अंडा में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. जिनके शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम है, उन्हें रोजाना एक अंडा खाना चाहिए. उन्होंने बताया कि इसके अलावा हार्ट के मरीजों को अंडा के अंदर से पीला वाला हिस्सा हटा कर सेवन करना बेहतर होगा. क्योंकि उसमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक रहती है.फोटो- अंडा 2
BREAKING NEWS
कोसी: बाजार व सेहत के लिए फायदेमंद हैं अंडा का फंडा
कोसी: बाजार व सेहत के लिए फायदेमंद हैं अंडा का फंडा रोज चार लाख से भी ज्यादा अंडे की होती है खपतसहरसा सहित सुपौल व मधेपुरा में होती है खपतआंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ व पंजाब से होता है आयातस्थानीय स्तर पर भी लग सकता है अंडा फार्म कुमार आशीष, सहरसा नगरशाकाहारी व मांसाहारी दोनों ही श्रेणी में […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement