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25 दिनों की नौकरी में पहुंचा हवालात

* एसडीओ को विभागीय सहयोगी भी देते थे सतर्क रहने की सलाहसहरसा : बीते मई महीने की बीस तारीख को ग्रामीण एसडीओ के पद पर योगदान देने वाले एसडीओ को महज 25 दिनों के बाद ही हथकड़ी लग गयी और वे हवालात पहुंच गये. विभागीय सूत्रों ने बताया कि एसडीओ चंदन कुमार ने पदस्थापन के […]

* एसडीओ को विभागीय सहयोगी भी देते थे सतर्क रहने की सलाह
सहरसा : बीते मई महीने की बीस तारीख को ग्रामीण एसडीओ के पद पर योगदान देने वाले एसडीओ को महज 25 दिनों के बाद ही हथकड़ी लग गयी और वे हवालात पहुंच गये.

विभागीय सूत्रों ने बताया कि एसडीओ चंदन कुमार ने पदस्थापन के साथ ही विभाग सहित उपभोक्ताओं को लूटना शुरू कर दिया था. कनेक्शन, तार, ट्रांसफॉर्मर के नाम पर छापेमारी कर मौखिक फाइन बताना और मोटी रकम लेकर मामले को रफा-दफा करना इनकी आदत बन गयी थी. एसडीओ के इस आचरण से क्षुब्ध व घबराये इनके वरीय अधिकारी सहित अधीनस्थ कर्मचारी भी इन्हें आगाह करते रहते थे, लेकिन इस घूसखोर अफसर पर कोई असर नहीं पड़ता था.

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण एसडीओ होने के कारण ये अक्सर अपने क्षेत्रधीन गांव में ही रहते थे, जहां छापेमारी कर लोगों को फाइन की धमकी देकर जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय बुला कर सौदेबाजी करना इनकी आदत बन गयी थी. सूत्रों की मानें तो इनके कार्यकाल में फाइन के नाम पर विभाग को अब तक कोई आमदनी नहीं हुई. अब तक वसूला गया सारा फाइन इनकी जेब में ही जाता रहा. इन्होंने विभाग के सभी कार्य के लिए रकम तय कर दी थी.

* एसडीओ का हौसला था बुलंद
वर्ष 2012 के नवंबर महीने में सरकारी सेवा ज्वाइन करने वाले चंदन कुमार पटना के कुम्हरार टोली के मूल निवासी हैं. यहां ग्रामीण एसडीओ के पदस्थापन से पूर्व चंदन हाजीपुर जिले के विदुपुर में पदस्थापित थे. छापेमारी के दौरान सरकारी कार्यालय में रखे फाइलों में रुपये दबा देख निगरानी के अधिकारी भी हतप्रभ रह गये.

गिरफ्तार एसडीओ के कार्यालय से उनके फाइलों मे 47 सौ रुपये मिले. यह राशि उनके बुलंद हौसले को दिखाता है. निगरानी की टीम ने उनके गंगजला स्थित आवास पर भी छापेमारी की, जहां एक लाख रुपये का चेक, 47 हजार रुपये नकद एवं विभाग के महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले. अधिकारी सहित जानने वालों को यह बात भी चौंका रही थी कि 25 दिनों की नौकरी में ही इतना अधिक रकम कहां से आया.

* घुस के लिए कर दिया था परेशान
मंगलवार को हुई गिरफ्तारी के बाद सूचक मो इसराइल ने बताया कि घूस की रकम देने के लिए एसडीओ ने परेशान कर दिया था. बीते 29 मई को उसके घर जाकर छापेमारी की व डोमेस्टिक कनेक्शन पर कमर्शियल उपयोग का आरोप लगा दो लाख सत्तर हजार रुपये का जुर्माना सुनाया. इसराइल के अनुसार एसडीओ उसे बार-बार धमकाता था कि फाइन नहीं देने पर वह उस पर केस दर्ज करा देगा. उसके पूरे परिवार को जेल जाना होगा.

फाइन कम कराने के अनुनय-विनय करने के बाद एसडीओ ने उसे सहरसा स्थित कार्यालय आकर मिलने की बात कही. वहां पहुंचने पर एसडीओ ने कम से कम आधी रकम यानी एक लाख सत्तर हजार रुपये में मामला सलटाने का आश्वासन दिया. एसडीओ इस रकम को शीघ्र पहुंचाने के लिए इसराइल पर खुद दबाव देने लगा. परेशान होकर उसने पहले सात हजार रुपये पहुंचाया.

अगली सुबह से ही शेष रकम के लिए तकादा जारी रहा. इसराइल ने परेशान होकर निगरानी से संपर्क साधा व तीस हजार रुपये की अगली किस्त दे शिकायत की पुष्टि करवायी. फिर बुधवार को बीस हजार रुपये की राशि लेते ग्रामीण एसडीओ चंदन कुमार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. घूस की रकम में हजार-हजार के सत्रह व पांच-पांच सौ के छह नोट थे.

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