अंजन आर्यन, सहरसा : पत्रकार और लेखक विष्णु स्वरूप की पुस्तक धर्म और धाम का विमोचन कंबोडिया में किया गया. कंबोडिया के सिमरीप में पांचवें धाम के निर्माण के लिए लगातार तीन दिनों के पूजा पाठ के बाद पांच सितारा होटल मैरियट कोर्टयार्ड के सभागार में धाम पर आधारित पुस्तक का विमोचन आरएसएस के प्रमुख चिंतक इंद्रेश कुमार, राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह, यतींद्रानंद जी महाराज, डॉ एम कुमारन स्वामी, डॉ दातो शैलेश लाचू के हाथों संपन्न हुए समारोह में घाना के उपराष्ट्रपति महमूद बाबूमिया, मलेशिया के स्पीकर स्टेट असेंबली व सांसद डॉ एसके देवामणि, स्टेट वाइस चेयरमैन थंगम, प्रो अमरजीवा, राजीव लोचन, प्रो गीता सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो रमेश क्षितिज पाटुकल, नेपाल के वेदांती स्वामी पोखरियाल समेत आठ देशों के प्रतिनिधि शामिल थे.
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कंबोडिया में विष्णु की पुस्तक धर्म और धाम का विमोचन
अंजन आर्यन, सहरसा : पत्रकार और लेखक विष्णु स्वरूप की पुस्तक धर्म और धाम का विमोचन कंबोडिया में किया गया. कंबोडिया के सिमरीप में पांचवें धाम के निर्माण के लिए लगातार तीन दिनों के पूजा पाठ के बाद पांच सितारा होटल मैरियट कोर्टयार्ड के सभागार में धाम पर आधारित पुस्तक का विमोचन आरएसएस के प्रमुख […]
मालूम हो कंबोडिया के कोलन माउंटेन पर सहस्त्र शिवा प्राकृतिक रूप से मौजूद हैं. जिसे भारत के पौराणिक कथाओं में मलय पर्वत कहा जाता है. साथ ही विश्व के सबसे बड़े मंदिर अंकोरवाट को विष्णुधाम कहा जाता है. इसलिए पांचवें धाम के रूप में सिमरीप को चिह्नित किया गया है.
वैदिक व वैज्ञानिक शिक्षा के प्रसार पर भी हुई चर्चा
धर्म की स्थापना क्यों कैसे और धर्म के उत्थान में यह किस प्रकार वैदिक काल व मध्यकाल में सहायक रहा इस पर आधारित पुस्तक धर्म और धाम अपने विषय में एक महत्वपूर्ण पुस्तक बनी.
धामों के संबंध ज्ञान और अध्यात्म से जुड़ा है, इस पर कोई पूरी पुस्तक उपलब्ध स्रोत से ज्ञात नहीं था, जो इस विषय को केंद्रित कर रखी गई हो. वक्ताओं ने पुस्तक धर्म और धाम को पांचवें धाम के निर्माण में एक महत्वपूर्ण उपस्थिति और इसके संदर्भ की चर्चा करते हुए कहा कि धाम से संबंधित रिसर्च कार्य किये जाएं. सनातन काल से धर्म प्रचार-प्रसार, आध्यात्मिकता व इससे परम सत्ता का ज्ञान किस तरह मानव जीवन में सहायक हुई है.
इस संदर्भ में और अधिक पुस्तकें लिखी जानी चाहिए. सभागार में उपस्थित महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने लेखक विष्णु स्वरूप को साधुवाद दिया और संयोजक शैलेश वत्स ने कंबोडिया में शिवधाम मंदिर कमेटी में विष्णु स्वरूप को भी शामिल करने की भी बात कही. कंबोडिया के सिमरीप में अब तक का भारतीय धर्म पूजा-पाठ और सामाजिकता से जुड़ा हुआ यह पहला कार्यक्रम था.
जिसमें पांचवें धाम के निर्माण के साथ-साथ वैदिक संस्कृति शिक्षा स्थानीय लोगों को कैसे उपलब्ध किया जाए, इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा यहां कैसे स्थानीय लोगों को उपलब्ध करायी जाए, क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में यह पिछड़ा हुआ है, इस पर वृहद काम करने की बात कही गई. कंबोडिया मूलतः बौद्ध धर्म से जुड़ा है और बौद्ध धर्म को हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता प्राप्त है. भगवान बुद्ध को विष्णु का नौवां अवतार भी माना जाता है, इसलिए भारत और कंबोडिया के सांस्कृतिक संबंध आपस में काफी जुड़े हुए हैं.
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