सहरसा : जिले के महिषी प्रखंड की वीरगांव पंचायत में मुख्य सड़क से जोड़ने वाले संपर्क पथ के निर्माण के लिए वर्षों से ग्रामीण मांग कर रहे थे, लेकिन मंत्री व अधिकारी उदासीन बने रहे. इसके बाद ग्रामीणों ने खुद सड़क निर्माण करने का संकल्प लिया. पंचायत के मुखिया शिवेंद्र कुमार जिशु की अगुवाई में ग्रामीण श्रम व जमीन दान कर सड़क निर्माण में जोर-शोर से लगे हैं. इस संपर्क पथ को बरसात के पूर्व पूरा कर लेने का लक्ष्य ग्रामीणों ने रखा है. लोग दिन-रात पथ निर्माण में लगे हैं. वीरगांव ग्राम पंचायत महिषी प्रखंड की पहली ऐसी पंचायत है, जो चारों ओर से नदी से घिरा है. हर साल आने वाली बाढ़ से यहां दर्जनों लोगों की मौत होती है. बाढ़ का असर इस सड़क पर अधिक होता है. इस वजह से पंचायत को मुख्य सड़क से जोड़ने वाले संपर्क पथ संख्या 17 का अब अस्तित्व ही समाप्त हो गया है.
एक लाख की आबादी होगी लाभान्वित: एक किलोमीटर लंबे इस संपर्क पथ के निर्माण से एक लाख की आबादी लाभान्वित होगी. आजादी के बाद से बरसात के दिनों में घर से निकल नहीं पा रहे क्षेत्र के लोगों को अब बरसात के दिनों में भी घरों से निकलने का सुगम रास्ता मिलेगा. इस सड़क के बन जाने से वीरगांव के अलावा नवहट्टा व दरभंगा जिले के कई पंचायतों के लोगों को लाभ मिलेगा. साथ ही नवहट्टा के नौला, डरहार, बकुनिया, लालपुर, परवाहा समेत कई अन्य पंचायतों के लोगों का रास्ता सुलभ हो जायेगा. वहीं, दरभंगा के लक्ष्मीपुर कोकरवा, बर्दीदीपू, रघुनाथपुर, चकला समेत कई अन्य पंचायतों के लोगों को भी आवागमन की सुविधा मिलेगी.
दो पंचायतों के बीच लटका था मामला: इस संपर्क पथ के लिए दो पंचायतों के बीच वर्षों से मामला लंबित चल रहा था. भेलाही व बघवा की सीमा में पड़ने वाले संपर्क पथ के निर्माण को लेकर सैकड़ों बार सीओ को आवेदन दिया गया. ग्रामीणों ने जिला स्तर के सभी वरीय अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन निर्माण कार्य का श्रीगणेश तक नहीं हो सका. वर्षों तक आश्वासन सुनने के बाद ग्रामीणों ने आपसी सहमति से सड़क निर्माण का निर्णय लिया. इसके बाद स्थानीय मुखिया शिवेंद्र कुमार जीशू की अगुवाई में जनसहयोग से निर्माण कार्य शुरू हुआ.