महापर्व छठ. कानों में मिसरी की तरह घुल रहे छठ गीत, दे रहे भक्ति का अलग ही अहसास
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कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाय…
महापर्व छठ. कानों में मिसरी की तरह घुल रहे छठ गीत, दे रहे भक्ति का अलग ही अहसास गली-मोहल्ले में बज रहे शारदा सिन्हा के छठ गीत सहरसा : कानों में मिसरी की तरह घुलते छठ के गीत से एक अलग ही अहसास से मन भर जा रहा है. कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी […]
गली-मोहल्ले में बज रहे शारदा सिन्हा के छठ गीत
सहरसा : कानों में मिसरी की तरह घुलते छठ के गीत से एक अलग ही अहसास से मन भर जा रहा है. कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाय…, केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय… जैसे गीत कभी गांव की याद दिला रहे हैं तो कभी छठ के घाट की. फिलहाल सहरसा की गलियां छठ गीत से गुलजार हैं. छठ पर कई नये गायकों के एलबम भी आये हैं, लेकिन पारंपरिक धुनों में सजे गीत लोगों को ज्यादा पसंद आ रहे हैं. इस बार शारदा सिन्हा, कल्पना, देवी के कई नये छठ गीत सुनने को मिल रहे हैं.
शारदा सिन्हा का पहिले पहिले हम कईली छठी मईया बरत तोहार…गीत सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है. दूसरी तरफ बिहार की चर्चित गायिका पुष्पा सिंह, सत्येंद्र संगीत की युगलबंदी में बनी- रोई रोई भेजेली सनेसवा कि स्वामी अबकी घरे आई, भागे जोगे मिलली नोकरिया कि कइसे धनी घरे आई…खूब पसंद किया जा रहा है. इस पूरे एलबम में एक से बढ़ कर एक गीत हैं. वहीं गायिका देवी का एलबम कोसी के दीयना…भी खूब बज रहा है. इसके अलावा पवन सिंह का छठ पूजा गीत और कल्पना के साथ तैयार कईसे छठिया करी ए मईया…खूब पसंद किया जा रहा है.
छत पर बने हैं आस्था के घाट
भीड़ और तालाब की दूरी से बचने के लिए कई लोगों ने घर की छत पर छठ घाट तैयार कर लिया है तो कहीं घर के कैंपस में घाट बनाये गये हैं. गांधी पथ के एक परिवार ने छत पर अर्घ्य देने की व्यवस्था की है. वहां एक छोटा सा तालाब बनाया गया है. निवासी सुशील राज गुप्ता कहते हैं कि यहां से सबसे नजदीक का तालाब सूर्या अस्पताल के पास है.
एक तो वहां भीड़ काफी होती है. दूसरा पानी भी साफ नहीं रहता, जबकि छठ में स्वच्छता का विशेष महत्व है. गंदे पानी में अर्घ्य देने के बजाय हमलोगों ने छत पर ही छोटा सा तालाब बनवा लिया है. हर साल उसी में अर्घ देते हैं. तालाब का परिवार के सदस्यों ने रंग रोगन कर आकर्षक रूप दे दिया है. शहर के दो दर्जन से अधिक घरों में छठ को ले लोगों ने अपने आसपास अस्थायी तालाब बना लिया है. यहां लोग उसी तालाब में अर्घ देंगे.
सहरसा जेल में गूंज रहे छठी मइया के गीत
महापर्व छठ के गीतों से सहरसा मंडल कारा भी गुलजार है. मंडल कारा में सात कैदी सूर्योपासना का यह व्रत कर रहे हैं. इनमें छह महिला व्रती शामिल हैं. विधि-विधान के साथ व्रत करने से लेकर पूजा सामग्री तक की व्यवस्था जेल प्रशासन करा रहा है. जेल के अंदर से छठ गीत ने माहौल को भक्तिमय कर दिया है. सूर्य उपासना के इस महाव्रत से अपने जीवन में आये संकट को दूर करने एवं बाहर निकल कर समाज में एक सभ्य और जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प के साथ आराधना में जुटे हुए हैं.
जेल अधीक्षक सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि जेल मैनुअल के अनुरूप छठ करने वाले कैदियों को प्रसाद तथा पूजा की सामग्री उपलब्ध कराया गया है. जेल के अंदर एक छोटा-सा छठ घाट बनाया गया है, जहां व्रती कैदी सूर्य को अर्घ देंगे. कैदियों को शाल, कपड़ा आदि भी जेल की तरफ से दिये जायेंगे.
रुनकी-झुनकी बेटी मांगी ला, पढ़ल पंडितवा दामाद हे…
प्रकृति स्वरूप नारी शक्ति को भी दर्शाता है छठ पर्व
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