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अब तक नहीं मिला स्वास्थ्यकर्मियों को सरकारी आवास, हो रही परेशानी

चेनारी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल सरकारी आवास नहीं होने के कारण डॉक्टर व कर्मचारी रहते हैं केंद्र से दूर बेहतर इलाज नहीं होने को लेकर लोग कर चुके हैं हंगामा रात में मरीजों को होती है अधिक परेशानी चेनारी : प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में पद स्थापित सरकारी चिकित्सकों को अब […]

चेनारी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल
सरकारी आवास नहीं होने के कारण डॉक्टर व कर्मचारी रहते हैं केंद्र से दूर
बेहतर इलाज नहीं होने को लेकर लोग कर चुके हैं हंगामा
रात में मरीजों को होती है अधिक परेशानी
चेनारी : प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में पद स्थापित सरकारी चिकित्सकों को अब तक सरकारी आशियाना नसीब नहीं हो सका है. सरकारी चिकित्सक अधिक किराया अदा कर किराये के मकान में रहने को मजबूर हैं. यही हाल स्वास्थ्य कर्मियों का भी है. उन्हें भी किराया अदा कर बाहर रहना पड़ रहा है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में चिकित्सक के आवास नहीं होने के कारण इमरजेंसी मरीजों को काफी परेशानी होती है. इससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलने जैसी परेशानी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा और मरीजों द्वारा भला बुरा सुनना पड़ता है. विभागीय सूत्रों की मानें, तो पीएचसी में पद स्थापित चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को सरकारी आवास की सुविधा नहीं रहने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है.
चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को तो परेशानी होती ही है साथ ही साथ अस्पताल में इलाज कराने आनेवाले मरीजों को भी दिक्कत होती है. गौरतलब है कि अस्पताल के सभी डाॅक्टर व कर्मी सरकारी आवास के अभाव में चेनारी के विभिन्न वार्डों में किराये के मकान में रहते हैं. सभी चिकित्सक के आवास अस्पताल से काफी दूरी पर है. वहीं, महिला स्वास्थ्यकर्मियों को रात्रि में अस्पताल आने जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. लोगों की मानें, तो अस्पताल के इमरजेंसी में एक चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी रहते हैं. सूत्रों की मानें, तो रात्रि में अस्पताल में प्रसव नर्स ही कराती हैं.
जब मामला नहीं बनता तो चिकित्सक को बुलाया जाता है. कई बार तो अस्पताल में चिकित्सक के नहीं रहने पर परिजनों द्वारा हंगामा तक किये जाने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इसके बाद भी अस्पताल में चिकित्सक नहीं रहती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक चिकित्सक ने बताया कि हमें तो हर हाल में ड्यूटी करनी है. हम सरकार से सीधे तौर पर मांग भी नहीं कर सकते. लेकिन, अस्पताल परिसर में क्वार्टर रहता, तो हमें सुविधा होती और हम समय से मरीजों को अपनी सेवा दे पाते.

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