10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हर साल गरमी में यही हाल

दूसरे शहरों को पानी देनेवाला, पर पानी की किल्लत आज खुद बेहाल सासाराम (नगर) : रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून’. यह उक्ति फिलहाल जिले के लोगों पर सटीक बैठता है. जो जिला दूसरे शहरों को शुद्ध व मीठा जल मुहैया कराता था, आज वहां पानी की किल्लत. यह स्थिति पहली बार उत्पन्न नहीं […]

दूसरे शहरों को पानी देनेवाला, पर पानी की किल्लत आज खुद बेहाल

सासाराम (नगर) : रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून’. यह उक्ति फिलहाल जिले के लोगों पर सटीक बैठता है. जो जिला दूसरे शहरों को शुद्ध व मीठा जल मुहैया कराता था, आज वहां पानी की किल्लत. यह स्थिति पहली बार उत्पन्न नहीं हो रही है. हर साल गरमी में लोगों को पानी की समस्या से जंग करना पड़ता है. गरमी धीरे-धीरे तल्खी दिखाने लगी है.

पेयजल की समस्या भी बढ़ने लगी है. चापाकल व पीएचइडी की तरफ से लगाये गये नल पर पानी के लिए भीड़ बढ़ने लगी है. ये हाल तब है, जब करवंदिया पंप से दूसरे जिले को भी पानी की आपूर्ति की जाती है. बावजूद प्रशासन व विभाग हाथ पर हाथ रख अभी रणनीति बनाने में ही लगा है. पानी की सबसे अधिक समस्या चेनारी, शिवसागर, रोहतास, तिलौथू व नौहट्टा के अलावा सासाराम शहर व प्रखंड के पहाड़ी इलाके में उत्पन्न होने लगी है. पहाड़ी इलाके के लोगों के लिए सिर्फ चुआं ही एक मात्र सहारा रह गया है.

जंग खा रहे पाइप व चापाकल : पीएचइडी के स्थानीय कार्यालय में मरम्मती के नाम पर रखे गये लाखों रुपये के पाइप, चापाकल व अन्य उपकरण आदेश के इंतजार में जंग खा रहे हैं. इसे न तो कोई पूछनेवाला है और न जवाब तलब करनेवाला. एक बार लगे चापाकल दोबारा मरम्मती के अभाव में बेकार हो जाते हैं.

शोभा की वस्तु बने जलमीनार : सरकार ने शहर से गांव तक लोगों को शुद्ध व मीठा पानी मुहैया कराने के लिए जिले में चार दर्जन जलमीनार का निर्माण तो जरूर करायी है.

लेकिन, उसमें से अधिकतर चालू नहीं हो पाये हैं. इसके पीछे मानक व मापदंड के अनुरूप जलमीनार का निर्माण नहीं होना माना जा रहा है. जिला मुख्यालय के नूरनगंज (बौलिया रोड) व सदर अस्पताल में बने जलमीनार ताजा उदाहरण है कि इन दोनों मीनारों से शहरवासियों को पानी नहीं मिल पाया है. जबकि विभाग इसके निर्माण पर लाखों रुपये खर्च कर चुका है. सासाराम शहर में छह जलमीनार हैं, जिसमें से रेलवे का एक अपना है. शेष पांच में से दो मीनार से लोगों को पानी नहीं मिलता है.

चापाकल लगे तो जरूर, पर. :

विभाग ने जिले के सभी गांवों में चाहे वह स्कूल हो या चौक-चौराहा या फिर सार्वजनिक स्थल. वहां सांसद, विधायक व अन्य मद से एक स्थान पर एक कौन कहे तीन-तीन, चार-चार चापाकल लगाये, लेकिन किसी-न-किसी कारण वह चालू नहीं हो सके. विभाग भी इसकी सुधि नहीं ले पाया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें