कन्हैया हत्याकांड . बारह दिनों के बाद भी अंधेरे में ही है पुलिस
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अब तक नहीं पकड़े गये हत्यारे
कन्हैया हत्याकांड . बारह दिनों के बाद भी अंधेरे में ही है पुलिस पूर्णिया : कन्हैया हत्याकांड आज भी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है. समय बीतने के साथ अनुसंधान भी उलझता ही जा रहा है. एक ओर जहां पुलिस दावा कर रही थी कि कन्हैया हत्या मामले का राज मोबाइल कॉल डिटेल्स व […]
पूर्णिया : कन्हैया हत्याकांड आज भी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है. समय बीतने के साथ अनुसंधान भी उलझता ही जा रहा है. एक ओर जहां पुलिस दावा कर रही थी कि कन्हैया हत्या मामले का राज मोबाइल कॉल डिटेल्स व टावर लोकेशन के आधार पर उजागर हो जायेगा, लेकिन ऐसा अब तक नजर नहीं आ रहा है.
अब तक की जांच में कन्हैया, उसकी प्रेमिका मुस्कान (काल्पनिक नाम) उसके पिता प्रशांत सिन्हा एवं चाचा गोलू सिन्हा के मोबाइल कॉल डिटेल्स खंगाले जा चुके हैं. मुस्कान के पिता व चाचा के मोबाइल घटना की रात 11:30 बजे के बाद स्विच ऑफ है, लिहाजा अनुसंधान वहां आकर ठहर सा गया है. हालांकि इससे आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती ही नजर आ रही है. कन्हैया के परिजनों का कहना है कि जब तक हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होती है और उन्हें उनके करतूत की सजा नहीं मिलती है, कन्हैया के आत्मा को शांति नहीं मिलेगी.
मुस्कान पर दबाव डाल कर कन्हैया को घर बुलाया गया :
कन्हैया के परिजनों का आरोप है कि मुस्कान के पिता व चाचा ने उस पर दबाव डाल कर कन्हैया को घर बुलवाया और पीट-पीट कर मार डाला. कन्हैया के पिता ने बताया कि उसके पुत्र को घर पर ही अधमरा कर दिया था और बाइक पर बिठा कर बेलौरी पुल के नीचे फेंक दिया. लेकिन पुलिस का मानना है कि अगर कन्हैया को घर बुलवाने में मुस्कान के पिता का दबाव रहता तो मुस्कान व कन्हैया की बातचीत घंटों क्यों होती. अगर ऐसी बात होती तो मुस्कान और कन्हैया के बीच फोन पर बातचीत का अंतराल न्यूनतम होता. लिहाजा इस आरोप में दम नजर नहीं आ रहा है.
परिस्थिति जन्य साक्ष्य आरोपितों के पक्ष में नहीं : अब तक के पुलिसिया अनुसंधान में घटना स्थल पर हुई जांच व वैज्ञानिक अनुसंधान से यह स्पष्ट होता है कि मुस्कान के पिता व चाचा की कन्हैया की हत्या में संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. सहायक थानाध्यक्ष मेनका रानी के अनुसार कन्हैया, मुस्कान उसके पिता व चाचा के प्राप्त कॉल डिटेल्स व परिस्थिति जन्य साक्ष्य पिता व चाचा के पक्ष में नहीं है. अगर पिता व चाचा के मोबाइल का स्विच ऑफ घटना की रात नहीं होता तो संभवत: उन दोनों की बात पर यकीन किया जा सकता था. ऐसी स्थिति में मुस्कान के परिजनों के एक और मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है.
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