पूर्णिया : गुलाबबाग के जीरो माइल से पकड़े गये खाद मामले में प्रखंड कृषि पदाधिकारी के नये आवेदन के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है. बीएओ की ओर से नीरज ट्रेडर्स की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए मामले में आरोपी बनाने का अनुरोध किया गया है. इसके बाद अब पुलिस के जांच के दायरे में नीरज ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भी होंगे.
सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजकुमार ने इसकी पुष्टि की है. एक तरफ जहां पुलिस जांच में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक हलके में भी हलचल तेज हो गयी है. हालांकि इस मामले में पुलिसिया अनुसंधान में अब तक कुछ भी निकल कर सामने नहीं आया है. दरभंगा के मिथिला ट्रेडिंग, गाड़ी ऑनर और ड्राइवर पर मामला दर्ज कर पुलिस भी अपनी जांच में जुटी हुई है. वहीं कृषि विभाग सैंपल जांच रिपोर्ट आने के इंतजार में है. इस बीच बीएओ युगल किशोर मेहता ने नीरज ट्रेडर्स के प्रोपराइटर का नाम प्राथमिकी में शामिल करने का आवेदन देकर नये संकेत दे दिया है.
तफ्तीश में कई और नाम हो सकते हैं शामिल : खाद प्रकरण की जांच अगर निष्पक्ष तरीके से हो तो कृषि विभाग और पुलिस की टीम शीघ्र ही इस खेल के नटवर लाल तक पहुंच सकती है. जो बड़े ही बारीकी से अब तक नकली और अवैध खाद के इस गोरखधंधे को अंजाम देता रहा है. अगर ऐसा हुआ तो इस खेल में शामिल कई और खिलाड़ियों के नाम प्राथमिकी में शामिल हो सकते हैं. कृषि विभाग भी इस बार अवैध खाद के कारोबार से जुड़े लोगों को किसी भी तरह से बचने का कोई रास्ता नहीं छोड़ना चाहती है. दरअसल खाद प्रकरण में पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी के लिखित आवेदन के बाद नीरज ट्रेडर्स के भूमिका को लेकर सवालों और चर्चा का दौर तेज हो गया है. राजनीतिक व सामाजिक तथा कारोबारी हलकों में आवेदन को लेकर पक्ष-विपक्ष की बयानबाजी और चर्चा का दौर जारी है.
72 घंटे में बदले तेजी से घटनाक्रम स्थानीय पुिलस की भूिमका संिदग्ध
पहले तो सूचना के आधार पर सदर थाना पुलिस ने खाद लदी गाड़ी जब्त कर ड्राइवर, मिथिला ट्रेडर्स और गाड़ी मालिक पर प्राथमिकी दर्ज कर ड्राइवर को जेल भेज दिया. दूसरा घटनाक्रम 24 घंटे बाद तब सामने आया, जब पूर्णिया पूर्व के प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने थाना में आवेदन देकर नीरज ट्रेडर्स के प्रोपराइटर को प्राथमिकी में शामिल करने का लिखित आवेदन दिया. इसके बाद पुलिसिया जांच का रुख अब नीरज ट्रेडर्स की भूमिका की ओर मुड़ गया है. वहीं नीरज ट्रेडर्स का नाम आते ही राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गयी है. सवाल यह भी उठने लगा है कि जब चालान नीरज ट्रेडर्स के नाम था, तो उस वक्त एफआइआर में नीरज ट्रेडर्स का नाम क्यों नहीं शामिल किया गया. सच्चाई जो भी हो, लेकिन यह सत्य है कि नकली खाद और अवैध खाद के कारोबार में प्रशासनिक स्तर पर आपसी तालमेल का अभाव इस धंधे से जुड़े नटवर लालों को बचने का रास्ता दिखा देता है.
चैंबर ऑफ कॉमर्स पर लगा लीपापोती का आरोप : राजद के जिलाध्यक्ष आलोक कुमार ने गुलाबबाग में जब्त दो ट्रक उर्वरक मामले में चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एवं महासचिव पर मामले के लीपापोती के प्रयास का आरोप लगाया है. कहा कि आज तक जितने भी खाद व्यवसायी इस धंधे में पकड़े गये हैं, सभी लाइसेंसी व्यापारी ही हैं. ऐसे ही लोग रातोरात बड़े व्यवसायी बन चुके हैं. कहा कि चैंबर ऑफ कॉमर्स को पहले ऐसे व्यवसायियों को संगठन से बाहर करना चाहिए और फिर किसी नटवर लाल पर आरोप लगाना चाहिए. कहा कि कोई भी गाड़ी मालिक या ड्राइवर बिना चालान के शहर से बाहर माल नहीं ले जाता है. ऐसे में केवल ड्राइवर और गाड़ी मालिक पर एफआइआर कर असली व्यक्ति को बचाने की साजिश को सफल नहीं होने दिया जायेगा. स्थानीय पुलिस की भूमिका भी संदेहास्पद है. कहा है कि इस मामले की उच्चस्तरीय होनी चाहिए, क्योंकि मामले में स्थानीय भाजपा विधायक के पुत्र नीरज खेमका का नाम सामने आ रहा है.
संलिप्तता पाये जाने पर नीरज ट्रेडर्स पर केस
बीएओ की ओर से नीरज ट्रेडर्स के बाबत आवेदन दिया गया है. नीरज ट्रेडर्स की भूमिका की जांच इस मामले में की जा रही है. एक मामले में दो बार एफआइआर नहीं किया जा सकता है. जांच में संलिप्तता पाये जाने पर नीरज ट्रेडर्स को भी एफआइआर में शामिल किया जा सकता है.
राजकुमार साह, प्रभारी एसपी सह सदर एसडीपीओ, पूर्णिया