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न भवन बना, न दर्ज हुई प्राथमिकी

6 जुलाई को सर्वशिक्षा डीपीओ द्वारा आदेश निर्गत किया गया. जिसमें सभी बीइओ को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि 20 जुलाई तक विद्यालय भवन का निर्माण पूरा कर लिया जाये. निर्धारित अवधि में निर्माण पूरा नहीं होने पर प्राथमिकी का आदेश भी दिया गया था. लेकिन अधिकतर प्रखंडों में इस आदेश का अनुपालन […]

6 जुलाई को सर्वशिक्षा डीपीओ द्वारा आदेश निर्गत किया गया. जिसमें सभी बीइओ को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि 20 जुलाई तक विद्यालय भवन का निर्माण पूरा कर लिया जाये. निर्धारित अवधि में निर्माण पूरा नहीं होने पर प्राथमिकी का आदेश भी दिया गया था. लेकिन अधिकतर प्रखंडों में इस आदेश का अनुपालन अब तक नहीं हो सका है.

पूर्णिया : सरकारी विद्यालयों में भवन निर्माण को लेकर कुछ माह पूर्व ही खासा विवाद हुआ है. तब जिले में करोड़ों की राशि विद्यालय प्रधानों पर बकाया थी और निर्माण कार्य भी अधूरा था. यहां तक कि प्रधानों के पास निर्माण मद में आवंटित राशि के व्यय का ब्योरा भी उपलब्ध नहीं था. नतीजा रहा कि जिला शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी बीइओ को संबंधित विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराते हुए प्रधानाध्यापक के विरुद्ध प्राथमिकी का आदेश निर्गत कर दिया. इसके उपरांत पुन: 06 जुलाई को सर्वशिक्षा डीपीओ द्वारा आदेश निर्गत किया गया.

जिसमें सभी बीइओ को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि 20 जुलाई तक विद्यालय भवन का निर्माण पूरा कर लिया जाये. निर्धारित अवधि में निर्माण पूरा नहीं होने पर प्राथमिकी का आदेश भी दिया गया था. लेकिन हैरत की बात यह है कि अधिकतर प्रखंडों में इस आदेश का अनुपालन अब तक नहीं हो सका है. डगरुआ प्रखंड में तो बीइओ पत्र प्राप्ति से भी अनभिज्ञता जाहिर करते हैं. उनके अनुसार ऐसा कोई आदेश उन्हें अब तक प्राप्त नहीं हुआ है.

विद्यालय भवन और शौचालय का निर्माण है अधूरा: डगरुआ प्रखंड के 07 स्कूलों में अभी भी विद्यालय भवन का कार्य अधूरा है. सभी विद्यालयों को वर्ष 2014-15 में राशि निर्गत की गयी है. इसमें प्राथमिक विद्यालय हरखेली व प्राथमिक विद्यालय सौरा जाबर में 13 लाख 42 हजार 800 रुपये विद्यालय भवन के लिए निर्गत किये गये थे. जबकि प्राथमिक विद्यालय मुसलिम टोला बभनी व मध्य विद्यालय सियारखम में 09 लाख 24 हजार 300 रुपये आवंटित किये गये थे.

प्राथमिक विद्यालय छपरैली व माध्य विद्यालय होहिला में विद्यालय भवन के लिए 17 लाख 04 हजार 600 तथा मध्य विद्यालय गंडवास में 20 लाख 42 हजार 400 रुपये का आवंटन किया गया है. जबकि प्रखंड के 05 विद्यालयों में वर्ष 2010-11 में राशि आवंटन के बावजूद शौचालय निर्माण का कार्य अधूरा है. शौचालय निर्माण के लिए इन विद्यालयों को 72 हजार रुपये आवंटित किये गये थे. जिसका निर्माण पूरा कराने के अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गयी. लेकिन यह निर्माण भी पूरा नहीं कराया गया है. इसमें मध्य विद्यालय चांपी, मध्य विद्यालय अधखेली, मध्य विद्यालय दसपत्तर, मध्य विद्यालय बभनी व मध्य विद्यालय बेलगच्छी शामिल हैं.

विद्यालयों को भी निर्गत हुए थे नोटिस: सर्वशिक्षा अभियान के जिला कार्यालय से डीपीओ विजय कुमार झा द्वारा दर्जनों स्कूलों को भवन निर्माण मामले में अलग-अलग नोटिस भी जारी किया गया था.

यह नोटिस 25 जुलाई को निर्गत किया गया. जिसमें संबंधित विद्यालय प्रधान पर भूमि रहने के बावजूद निर्माण कार्य आरंभ अथवा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया गया था. निर्माण कार्य पूरा नहीं कराने को सरकारी कार्य के प्रति उदासीनता मानते हुए डीपीओ ने कहा था कि प्रधानों के रवैये से यह प्रतीत होता है कि उनके द्वारा आवंटित राशि का दुरुपयोग कर लिया गया है. विद्यालय प्रधानों को दो दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया था. लेकिन हैरत की बात यह रही कि कई विद्यालय प्रधानों ने अपना पक्ष रखना भी मुनासिब नहीं समझा.

डेढ़ माह बाद भी बीइओ का पत्र प्राप्ति से इनकार: सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक भवन, भंडार गृह व शौचालय निर्माण के बाबत सर्वशिक्षा डीपीओ विजय कुमार झा द्वारा 06 जुलाई को पत्र निर्गत किया गया है. लेकिन डगरुआ बीडीओ को यह पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. यही कारण है कि उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.

हालांकि बीइओ कहते हैं कि संभव है कि उनके कार्यालय को पत्र प्रेषित किया गया हो, लेकिन यह पत्र उनके समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है. विद्यालयों के निरीक्षण के क्रम में उन्होंने बिना किसी विभागीय आदेश के शिक्षकों का वेतन रोक दिया है. यहां दिलचस्प यह है कि डिफॉल्टर विद्यालय प्रधानों के वेतन पर रोक के लिए सर्वशिक्षा डीपीओ द्वारा पूर्व में ही स्थापना डीपीओ को लिखा जा चुका है.

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