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मैक्स 7 के डॉक्टरों ने दी वद्यिालय प्रधान को नयी जिंदगी

मैक्स 7 के डॉक्टरों ने दी विद्यालय प्रधान को नयी जिंदगी प्रतिनिधि, पूर्णिया वह मौत के मूंह से बाहर आया है और डॉक्टरों को भगवान मानता है.शनिवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अररिया जिला के सिकटी बरदाहा निवासी सुभाष कुमार मंडल (40) की आखें नम थी.वही गत 19 नवंबर को अचेतावस्था में मैक्स […]

मैक्स 7 के डॉक्टरों ने दी विद्यालय प्रधान को नयी जिंदगी प्रतिनिधि, पूर्णिया वह मौत के मूंह से बाहर आया है और डॉक्टरों को भगवान मानता है.शनिवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अररिया जिला के सिकटी बरदाहा निवासी सुभाष कुमार मंडल (40) की आखें नम थी.वही गत 19 नवंबर को अचेतावस्था में मैक्स 7 अस्पताल में भरती कराये गये थे.तब एक समय के लिए डॉक्टरों की भी बेचैनी बढ़ गयी, जबकि अगले ही दिन थोरा सामान्य होने के बाद उसकी स्थिति फिर बिगड़ गयी.लेकिन डॉक्टरों की मेहनत का ही नतीजा है कि अब वह चल-फिर और हंस-बोल सकता है.15 दिनों से था बुखार, रात काटने रुके थे परिजनअररिया जिला स्थित प्राथमिक विद्यालय लाट खरीद में प्राचार्य श्री मंडल अस्पताल में भरती कराये जाने से करीब 15 दिन पूर्व से बीमार चल रहे थे. पिता अनंत लाल मंडल व चाचा अमर किशोर मंडल ने बताया कि 15 दिनों से मरीज को बुखार था.लोकल स्तर पर डॉक्टर को दिखा कर बुखार की दवा दी गयी.लेकिन 19 अक्तूबर की सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद वे मरीज को लेकर उपचार के लिए रवाना हो गये. उन्हें देर शाम मैक्स 7 अस्पताल में भरती कराया गया.परिजनों का उद्देश्य केवल रात काट कर उपचार के लिए अन्यत्र निकलना था, ताकि मरीज का बेहतर इलाज हो सके.लेकिन अस्पताल की सेवा को देख उनका मन बदल गया और मैक्स 7 में ही उसका उपचार जारी रहा.पांच माह पूर्व हुई थी शादीपरिजनों ने बताया कि मरीज की शादी इसी वर्ष मई माह में नेपाल में हुई थी. लिहाजा श्री मंडल की तबीयत बिगड़ते ही पत्नी चांदनी देवी भी बेचैन हो उठी.इससे पूर्व मरीज को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई थी.वही अस्पताल के आइसीयू प्रभारी डा कुशल कुमार ने बताया कि मरीज के लीवर, किडनी व ब्रेन में समस्या थी.इटी ट्यूब डाल कर उसे पांच दिनों तक सांस की मशीन पर रखा गया.आइसीयू में दो डायालिशिस व इंसुलीन देने से मरीज के हालत में सुधार आयी है.बताया कि अब तक उन्होंने अस्पताल में 35 सफल ऑपरेशन किये हैं, जिसमें यह सबसे अधिक गंभीर मामला था.मरीज का जीसीएस 7/15 था, जबकि 9 से कम होने पर मरीज का बचना मुश्किल होता है.उसे हेपाटिक इनकैफेलोपैथी व डायबिटिक किटोपियोसिस नामक रोग है. फिलहाल उसके किडनी को कार्यावस्था में लाया गया है. 15 दिनों तक ऐतिहात बरतने की जरूरत है. ऑपरेशन में डाॅ दीनबंधु व डाॅ कृष्णमोहन के अलावा डा इफ्तकार आलम, डा करीम, डा हरिशंकर आदि की सराहनीय भूमिका रही.मरीज के परिजनों ने बताया कि वे पैथोलोजिकल रिपोर्ट पढ़ना जानते हैं और डॉक्टरों ने जब रिपोर्ट सौंपते हुए सुभाष के ठीक होने की खबर दी तो दिल से अनायाश ही उनके लिए दुआ निकल आयी.फोटो : 28 पूर्णिया 15परिचय : स्वस्थ होने के बाद परिजनों के साथ मरीज.

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