मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटर निरंकुश, विभाग खामोश खास बातें- मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों की संख्या में लगातार हो रहा इजाफा- इन सेंटरों पर पीएनडीटी एक्ट की उड़ायी जाती हैं धज्जियां – लंबे समय से जारी है प्रशासन से आंख-मिचौनी – इन अवैध सेंटरों को पंख देते हैं बिचौलिये -अब तक शहर में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की संख्या पहुंंची 57, अधिकतर मानकविहीन-मानकविहीन सेंटरों पर नकेल कसने में अब तक विभाग रहा है विफल————————-पूर्णिया. स्वास्थ्य नगरी में मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. अब तक शहर में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की संख्या 57 के आस-पास पहुंच गयी है, जिसमें से अधिकांश मानक विहीन हैं. तमाम अल्ट्रासाउंड सेंटर पीएनडीटी एक्ट के निर्देशों को ताक पर रख कर इस धंधे को परवान चढ़ा रहे हैं. विभाग इस मानक विहीन सेंटरों पर अंकुश लगाने में अब तक विफल रहा है. इस काले धंधे पर तत्काल अंकुश लगाने की जरूरत है, ताकि मरीजों का शोषण नहीं हो सके और बीमारी का समुचित इलाज भी हो सके. बंद और शुरू का खेल रहता है जारीशहर के विभिन्न स्थानों में कुल अल्ट्रासाउंड सेंटरों की संख्या लगभग पांच दर्जन के आस-पास पहुंच गयी है. जिसमें से महज आधा दर्जन सेंटर ही मानकों को भलीभांति पूरी करने की क्षमता रखते हैं. शेष सेंटर मैनेज सिस्टम के तहत संचालित हो रहा है. हालांकि विभाग की ओर से कई बार इन सेंटरों पर अंकुश लगाने की कोशिश भी की गयी है. इस प्रयास में तत्काल कई सेंटर बंद भी हुए. कुछेक पर कार्रवाई भी हुई, लेकिन जैसे ही मामला नरम पड़ा, वैसे ही स्वत: सभी मानक विहीन सेंटर खुलते चले गये. हर बार ऐसा ही होता है और यह काला कारोबार बंद होने के बजाय फलता-फूलता ही जा रहा है. बिचौलियों की अहम भूमिका मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों को रफ्तार देने में बिचौलियों की अहम भूमिका होती है. बिचौलिये डॉक्टरों से संपर्क कर मोटी कमीशन का प्रलोभन देकर वहां से मरीजों को लाते हैं. मानक विहीन सेंटरों के सड़क छाप तकनीशियन मरीजों का अल्ट्रासाउंड कर रिपोर्ट सौंपते हैं. इन्हीं आधे-अधकचरे रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर मरीज के इलाज को आगे बढ़ाते हैं. ऐसे इलाज से मरीजों की जान सांसत में तो पड़ती ही है. साथ ही गरीबों की जेब पर सेंध मारी भी हो रही है. इस पूरे प्रकरण में विभाग मौनी बाबा की भूमिका में रहता है. विभाग भी मान कर चलता है कि चुप रहने में ही सबों की भलाई निहित है. बदनाम हो रही है स्वास्थ्य नगरीअल्ट्रासाउंड के धंधे में उतरे नीम-हकीमों की वजह से स्वास्थ्य नगरी की साख पर बट्टा लग रहा है. सीमांचल, कोसी, प0 बंगाल, नेपाल आदि से आने वाले मरीज इन मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों से लूट-पिट कर जाते हैं. अपने इलाके में जा कर यहां के ठगी का किस्सा लोगों को बताते हैं. मानक विहीन सेंटर के संचालको के कारण यहां के डॉक्टर, दवा स्टोर, पैथोलॉजी ,सहित स्वास्थ्य से जुड़े लगभग दस हजार लोगों की जग हसांई हो रही है. इस पर अंकुश लगाने की दिशा में विभाग एवं डॉक्टरों के विभिन्न संगठन भी मौन है, जिससे अवांछित लोगों की मनोेबल तो बढ़ता है. कहते हैं आइएमए अध्यक्षस्वास्थ्य नगरी में काफी दिनों से मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहा है, जो आश्चर्य की बात है. ऐसे सेंटरों की पहचान कर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए. इसके लिए संगठन की ओर से सिविल सर्जन से भी बात की जायेगी. डॉ एसके वर्मा, अध्यक्ष आइएमए, पूर्णियाटिप्पणी जल्द ही टीम गठन कर इसकी जांच की जायेगी. प्रशासन की मदद से ऐसे मानक विहीन सेंटरों पर कार्रवाई की जायेगी. डॉ एमएम वसीम, सिविल सर्जन, पूर्णियाफोटो:- 09 पूर्णिया 05, 06 एवं 07परिचय:- 05- अल्ट्रासाउंड करते डॉक्टर 06- सिविल सर्जन डा एमएम वसीम की फाइल फोटो 07- डा एसके वर्मा
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मानक विहीन अल्ट्रासाउंड सेंटर निरंकुश, विभाग खामोश
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