पूर्णिया : लंबित सत्र के पार्ट वन की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर पूर्णिया विश्वविद्यालय में हंगामे का दौर लगातार जारी है. तीन दिनों तक छात्र-छात्राओं के धरना-प्रदर्शन के बाद गुरुवार को संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों ने अपने असंतोष का इजहार किया.
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पूर्णिया विश्वविद्यालय में हंगामा
पूर्णिया : लंबित सत्र के पार्ट वन की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर पूर्णिया विश्वविद्यालय में हंगामे का दौर लगातार जारी है. तीन दिनों तक छात्र-छात्राओं के धरना-प्रदर्शन के बाद गुरुवार को संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों ने अपने असंतोष का इजहार किया. पीयू की ओर से मूल्यांकन के लिए बीएनएमयू को उत्तरपुस्तिकाएं भेजने के निर्णय […]
पीयू की ओर से मूल्यांकन के लिए बीएनएमयू को उत्तरपुस्तिकाएं भेजने के निर्णय के विरोध में संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों ने पूर्णिया विवि के समक्ष धरना दिया. जबकि शिक्षकों के साथ धरने में कई छात्र नेता भी शामिल हुए. संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार यादव के नेतृत्व में यह धरना दिया गया.
धरना पर बैठे शिक्षकों ने आरोप लगाया कि मूल्यांकन के मसले पर पूर्णिया विवि हमें गुमराह कर रहा है. शिक्षकों का दावा है कि बीएनएमयू ने पूर्णिया कॉलेज को मूल्यांकन केन्द्र घोषित किया था. मगर पीयू और बीएनएमयू के विवाद की वजह से मूल्यांकन कार्य शुरू नहीं हो पाया. अब पीयू खुद पहल कर कॉपियों को बीएनएमयू भेज रहा है जो सीमांचल के छात्रों के साथ नाइंसाफी है.
धरना में प्रो मनीष कुमार सिंह, प्रो हृदय कुमार, प्रो जटाशंकर राय, प्रो शंभु कुमार सिंह, प्रो रागिनी कुमारी, डॉ रोजी सिन्हा, प्रो कृष्णदेव, प्रो नरेश मोहन, प्रो शशिधर प्रसाद सिंह समेत दो दर्जन से अधिक शिक्षक शामिल थे. डीन छात्र कल्याण प्रो पवन कुमार झा ने धरना के संदर्भ में शिक्षकों से बात की. शिक्षकों के शिष्टमंडल ने भी मांगों का ज्ञापन विवि पदाधिकारियों को सौंपा.
75 लाख के लिए सीमांचल के 28459 छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर
धरना पर बैठे शिक्षकों ने आरोप लगाया कि 75 लाख रुपये के लिए पूर्णिया विवि की ओर से सीमांचल के 28459 छात्र-छात्राओं के भविष्य को दांव पर लगा दिया गया है. शिक्षकों का आरोप है कि मूल्यांकन के लिए पूर्णिया विवि ने बीएनएमयू से 75 लाख रुपये की मांग की है.
जबकि बीएनएमयू कह रहा है कि उसकी बड़ी रकम पीयू के यहां बकाया है. शिक्षकों ने बताया कि दोनों विवि के लेनदेन के विवाद में जहां छात्रों का भविष्य दांव पर है वहीं मूल्यांकन नहीं कराकर उन वित्तरहित शिक्षकों से मुंह से निवाला छीनने का प्रयास किया जा रहा है.
बीएनएमयू को भी बहिष्कार की दी चेतावनी
धरना पर बैठे शिक्षकों ने बताया कि वर्ष 2016 में डीपी थर्ड के मूल्यांकन में उनलोगों का 30 फीसदी पारिश्रमिक बीएनएमयू ने अबतक नहीं दिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पूर्णिया में केन्द्र बनाकर मूल्यांकन का कार्य नहीं कराया गया तो बीएनएमयू के आगामी सभी परीक्षा व मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने को बाध्य हो जायेंगे.
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