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बिहार में जल्द लागू होगी नयी प्रदूषण नीति, कार्बन उत्सर्जन शून्य करने की होगी शुरुआत

बिहार में लागू होने वाली इस नयी नीति में अगले 30-40 साल के लिए एक कार्ययोजना बनायी जायेगी. इस कार्ययोजना में प्रत्येक साल में किये जाने वाले काम तय होंगे. इस तरह हर साल काम करके अगले 30-40 साल में राज्य में कार्बन का उत्सर्जन शून्य करने के लक्ष्य पर काम किया जायेगा.

कृष्ण कुमार, पटना. बिहार में अगले करीब 40 साल में कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने की शुरुआत होगी और इसके लिए नई नीति लागू होगी. इसका मकसद पर्यावरण को बेहतर करना है. साथ ही इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल-जीवन-हरियाली अभियान की सफलता में भी मदद मिलेगी. देश और दुनिया में बहुत पहले से मंथन हो रहे इस नीति को अब अगले करीब चार-पांच महीने में राज्य में लागू होने की संभावना है. भले ही यह आम आदमी की समझ में आसानी से आये या नहीं आये, लेकिन इसका मकसद आम और खास सहित राज्य, देश और दुनिया को फायदा पहुंचाना है. इसका फायदा मानव सहित पशु, पक्षियों और प्राकृतिक घटकों को भी होगा.

सूत्रों के अनुसार इसके लिए यूनाइटेड नेशंस इनवायरामेंट प्रोग्राम (यूएनइपी) सहित उसकी सहयोगी संस्थाओं के द्वारा एक स्टडी की जा रही है. इसकी रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में आने की संभावना है. इस रिपोर्ट के आधार पर नई नीति का मसौदा तैयार कर राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जायेगा. इससे प्रदूषण पर लगाम तो लगेगा ही, यदि बढ़िया तरीके से इस पर काम हो गया तो यह वर्तमान पीढ़ी की तरफ से अगली पीढ़ियों के लिए यह वरदान साबित होगा. पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है.

नयी नीति में यह होगा शामिल

राज्य में लागू होने वाली इस नयी नीति में अगले 30-40 साल के लिए एक कार्ययोजना बनायी जायेगी. इस कार्ययोजना में प्रत्येक साल में किये जाने वाले काम तय होंगे. इस तरह हर साल काम करके अगले 30-40 साल में राज्य में कार्बन का उत्सर्जन शून्य करने के लक्ष्य पर काम किया जायेगा. कार्ययोजना में मुख्य रूप से शामिल किये जाने वाले विषय राज्य में बिजली उत्पादन या खरीद, उद्योग, परिवहन, आमलोगों द्वारा उपभाेग की जाने वाली चीजें, खाना-पीना, खरीदारी जीवनशैली आदि में बदलाव होंगे.

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क्या कहते हैं अधिकारी

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने कहा है कि लो कार्बन एमिसन को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार होगा. इसमें प्रत्येक साल की कार्ययोजना तैयार की जा रही है. यूएनइपी सहित अन्य सहयोगी संस्थाएं इस पर काम कर रही हैं. नीति के तहत तय किया जायेगा कि राज्य में ऊर्जा की खरीद में कितना रिन्यूएबल एनर्जी का हिस्सा होगा. पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक और सीएनजी चालित वाहनों को किस तरह लाया जायेगा. इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्राइवेट पार्टी को किस तरह का इंसेंटिव दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य का पर्यावरण बेहतर करने में समय लगेगा, लेकिन रास्ता तय हो जायेगा. यह अगले 30-40 साल के लिए लाभकारी होगी.

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